चालीस पुलिसवाले, दो एंबुलेंस, एक डॉक्टर और चंद सरकारी अफसर.. बस गिनती के इन्हीं चंद लोगों पर कंधों पर थी ढ़ाई लाख लोगों की भीड़ की जिम्मेदारी. हाथरस हादसे में जिन 130 लोगों की जान चली गई, उनमें से कई लोगों को बचाया जा सकता था. अगर वक्त पर उन्हें ऑक्सीजन मिल जाती, लेकिन जहां डॉक्टर ही एक हो, वहां ऑक्सीजन और इलाज दूर की बात है.