मिल्खा सिंह मतलब अनुशासन की वो किताब जिसका एक-एक पन्ना पढ़कर जिंदगी के कई सबक सीखने को मिलते थे. अपने पैरों से इतिहास की इबारतें लिखने वाले मिल्खा सिंह आज नहीं रहे. 91 साल की उम्र में भी युवाओं की फिटनेस को मात देने वाले मिल्खा सिंह ने दुनियाभर के एथलेटिक्स ट्रैक पर अपनी कामयाबी का परचम फहराया था और तिरंगे को सम्मान दिलाया था. मिल्खा सिंह युवाओं के साथ रहना बहुत पसंद करते थे, जानें क्या थी इसकी वजह.