देश में सियासी दलों द्वारा 'रेवड़ी संस्कृति', जिसके तहत मुफ्त उपहारों का वादा करके वोट एकत्र किए जाते हैं, को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की गई. चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि मुफ्त उपहार और चुनावी वादों से जुड़े मामलों को आदर्श आचार संहिता में शामिल किया गया है, लेकिन इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई भी कानून सरकार को बनाना होगा. क्या है पूरा मामला और क्या है याचिका में की गई मांग, ये जानने के लिए आजतक संवाददाता संजय शर्मा ने बात की मामले में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता से.