RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत में हिंदू राष्ट्र और अन्य धर्मों को लेकर चली आ रही बहस पर बड़ी बात कही है. भागवत ने कहा कि भारत के मूल स्वभाव में किसी को अपनी पूजा पद्धति बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जाता और इस स्वभाव को हिंदू कहते हैं. RSS प्रमुख ने भक्ति रस के कवि रसखान से लेकर ब्रिटिश लेखक पॉल ब्रन्टन और छत्रपति शिवाजी की सेना में मुसलमान सैनिकों का उदाहरण लेकर कहा कि किसी को अपना धर्म परिवर्तन नहीं करना पड़ा. मोहन भागवत से सवाल किया गया था कि "राम मंदिर का आदर्श देखकर हिंदू धर्म के अंतर्गत आने वाले सभी संप्रदाय व पंथ एकजुट हो सकते हैं और समाज भी बलशाली हो सकता है लेकिन हमारे देश में मुस्लिम और ईसाई मत को मानने वाले भी हैं, उनको हमारी विचारधारा में लाने के लिए क्या प्रयास करना चाहिए?" आप भी इस सवाल पर मोहन भागवत का पूरा जवाब सुनिए.