देश के सबसे दर्दनाक हादसों में से एक है भोपाल गैस त्रासदी. इसकी वजह से आज तक बच्चे विकलांग पैदा हो रहे हैं. त्रासदी के विक्टिम्स के लिए रह-रह कर आवाज़ उठती रहती हैं. फिर कहीं दबा दी जाती है, या चीखते-चीखते लोगों के गले सूख जाते हैं. लेकिन एक आवाज ऐसी थी जो इन पीड़ितों के लिए 35 साल तक लगातार उठती रही. भोपाल गैस पीड़ितों को इंसाफ दिलाने से लेकर उनके पुनर्वास तक की लड़ाई लड़ते रहे जब्बार भाई को मरणोपरांत, राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. 1984 की गैस त्रासदी में अब्दुल जब्बार ने अपने माता-पिता को खो दिया था. जहरीली गैस ने अब्दुल जब्बार की आंखों और फेफड़ो को बुरी तरह प्रभावित किया था. वे तभी से सेहत से जुड़े मसलों से जूझ रहे थे. लेकिन जब तक शरीर में जान रही, पीड़ितों के लिए उनकी लड़ाई नहीं रुकी. देखिए ये रिपोर्ट.