पूर्व न्यायाधीशों और नौकरशाहों के एक समूह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की हालिया टिप्पणियों की निंदा करते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत ने इस मामले में 'लक्ष्मण रेखा' पार कर दी. पंद्रह पूर्व न्यायाधीशों, अखिल भारतीय सेवा के 77 पूर्व अधिकारी और 25 अन्य लोगों ने एक बयान पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने कहा है, 'न्यायपालिका के इतिहास में, ये दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां बेमेल हैं और सबसे बड़े लोकतंत्र की न्याय प्रणाली पर ऐसा दाग हैं, जिसे मिटाया नहीं जा सकता. इस मामले में तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाने का आह्वान किया जाता है, क्योंकि इसके लोकतांत्रिक मूल्यों और देश की सुरक्षा पर संभावित गंभीर परिणाम हो सकते हैं.'