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अनोखी प्रेम कहानीः 15 साल में मां बनी और 18 साल की उम्र में पत्नी

aajtak.in
  • 26 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST
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प्रेमी के साथ रहने के लिए एक लड़की ने बालिग होने तक तीन साल बालिका गृह भरतपुर में बिताए. बालिका गृह में ही उसने एक बेटी को जन्म भी दे दिया. अब लड़की अन्नू (18) की शादी उसके प्रेमी सचिन (23) से करवा दी है. इसके लिए बाल कल्याण समिति धौलपुर ओर भरतपुर के सहयोग से लड़की की शादी उसके प्रेमी से करवाई गई है. बुधवार को आर्य समाज की रीतियों से  बाल कल्याण समिति लड़की और उसके प्रेमी की शादी करवाई गई.

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परिवार द्वारा प्रेमी के खिलाफ अपहरण और पोस्को एक्ट में मुकदमा दर्ज करवाने के बावजूद लड़की ने उसके पक्ष में 164 के बयान दिए. बता दें कि लड़का कई बार प्रेमिका के चक्कर में जेल जा चुका है.

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बाल कल्याण समिति धौलपुर के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह परमार ने बताया कि आर्य समाज के माध्यम से बुधवार को विवाह की रस्में करवाई गई. विवाह होने के बाद उन्हें सर्टिफिकेट देकर लड़की को विदा कराया गया. अध्यक्ष ने बताया कि लड़की की ढाई साल की एक बच्ची है. ऐसे में उस बच्ची के सर्वोत्म हित को ध्यान में रखते हुए उसे माता-पिता से मिलवाना अति आवश्यक है.

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शादी में बाल कल्याण समिति भरतपुर और धौलपुर के पदाधिकारी बाराती और घराती बनकर कार्यक्रम में उपस्थित रहें.

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बाल कल्याण समिति धौलपुर के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह परमार ने बताया कि लड़की धौलपुर जिले की रहने वाली है, इसलिए उन्होंने लड़की पक्ष की रस्म निभाई ओर घराती बनकर विवाह की रस्मों को पूरी करवाई. वहीं लड़का भरतपुर जिले का रहने वाला है, इसलिए बाल कल्याण समिति भरतपुर के पदाधिकारी कार्यक्रम में बाराती बनकर उपस्थित रहें.

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विवाह में सहयोग करने वाली संस्था के एडवोकेसी आफिसर राकेश तिवाड़ी ने बताया कि युवक और युवती व्यस्क हैं. वह अपनी मर्जी से अपना जीवन बिता सकते हैं. दोनों वर-वधु की सहमति से उसकी शादी होती है तो कानूनी रूप से और सामाजिक दृष्टि से भी सही है और उन दोनों से उत्पन्न शिशु को माता-पिता का प्यार सदा मिलता रहे. ये उस शिशु का अधिकार है.

(जयपुर से शरत कुमार की रिपोर्ट)

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