छत्तीसगढ़ जिले के सूरजपुर जिला कलेक्टर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कलेक्टर साहब गुस्से में एक युवक का मोबाइल पटककर तोड़ते हैं और इसके बाद उसको थप्पड़ लगाते हुए दिख रहे हैं. युवक की गलती इतनी है कि वह लॉकडाउन में बाहर निकल गया था और रास्ते में मिले कलेक्टर साहब से मदद मांग ली थी.
हालांकि इस घटना के सामने आते ही छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने सूरजपुर के कलेक्टर रणबीर शर्मा को हटाने के निर्देश दिए हैं.
यह घटना सूरजपुर स्थित भैयाथान चौक का, इस जिले में 31 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है. इस लॉकडाउन का पालन कराने के लिए शनिवार 22 मई को खुद कलेक्टर रणवीर शर्मा सड़क पर उतरे, वे आम लोगों को लॉकडाउन का पाठ पढ़ाते-पढ़ाते खुद इंसानियत का पाठ भूल गए और दादागीरी पर उतारू हो गए.
इस दौरान उन्होंने कुछ लोगों से उठक-बैठक लगवाई, इसी बीच एक लड़का जो अपने पिता के लिए दवाई लेने गया था, उसने दवाई की पर्ची भी दिखाई लेकिन कलेक्टर को पता नहीं क्या सूझा, उन्होंने युवक का मोबाइल सड़क पर पटक दिया और फिर उसे थप्पड़ जड़ दिया. इतना ही नहीं पुलिसवालों से उसकी पिटाई भी कराई.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद से कलेक्टर रणवीर शर्मा बैकफुट पर आ गए. उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए इस पुरे मामले में सफाई देते हुए माफी भी मांगी है.
कलेक्टर ने कहा कि वो युवक कह रहा था कि वो वैक्सीन लगवाने जा रहा है, लेकिन उसके पास सही कागज नहीं थे. कलेक्टर का कहना है कि युवक के गलत बर्ताव की वजह से मैंने उस वक्त उसे थप्पड़ जड़ दिया. हालांकि उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए माफी मांगता हूं.
कलेक्टर के इस कार्य की आईएएस एसोसिएशन ने भी आलोचना की है. अपने एक ट्वीट में आईएएस एसोसिएशन ने लिखा, 'कलेक्टर सूरजपुर, छत्तीसगढ़ के व्यवहार की कड़ी निंदा की जाती है. यह अस्वीकार्य है और सेवा-सभ्यता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. सिविल सेवकों को सहानुभूति रखनी चाहिए और इस कठिन दौर में हर समय समाज के प्रति उपचारात्मक रवैया होना चाहिए.