प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट विस्तार किया जिसमें राजस्थान के पाली मूल के अश्विनी वैष्णव को केंद्रीय मंत्री बनाया गया और उन्हें पावरफुल रेलवे मंत्रालय मिला है. वैष्णव का मूल रूप से पाली जिले के जीवंद कलां में अश्विनी का पैतृक मकान है तथा पाली जिले के खैरवा गांव में उनका ननिहाल है जहां उनका जन्म हुआ था. (Photo: Twitter)
इनके गांव में सरकारी बस नहीं आती. जोधपुर से उदयपुर हाईवे के बीच में उतरकर निजी साधन से गांव जा सकते हैं. गांव से 6 किमी पैदल या निजी वाहन से रेल के लिए फ़ालना या रानी रेलवे स्टेशन जाना पड़ता जो 20 किमी दूर है.
उनके मंत्री बनने का समाचार मिलने पर उनके पैतृक गांव जीवंद कलां व ननिहार खैरवा गांव में परिवार के लोगों व ग्रामीणों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया तथा बीजेपी जिंदाबाद के नारे लगाए. वैष्णव के पिता दाऊलाल जीवंद कलां में सरपंच रह चुके हैं.
जीवंद कलां में अश्वनी वैष्णव का पैतृक मकान था. करीब दो वर्ष पूर्व जीवन्द कलां में लाखों रुपये खर्च का इनके परिजनों ने मकान बनाया जिस पर वैष्णव का भी नाम लिखा हुआ है.
पाली जिले के जीवंद कलां के मूल निवासी अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल काफी पहले जोधपुर शिफ्ट हो गए. यही कारण रहा कि अश्विन वैष्णव ने अपनी स्कूली शिक्षा जोधपुर में पूरी की. उसके बाद उन्होंने IIT कानपुर से बीटेक किया. 1994 में वे IAS बने. उनकी कार्य कुशलता ने पूर्व पीएम वाजपेयी को प्रभावित किया और वे उन्हें पीएमओ में ले आए.
इस दौरान वैष्णव का संपर्क नरेन्द्र मोदी से हुआ. 2004 में वाजपेयी सरकार की हार के बाद वैष्णव ने IAS से इस्तीफा दे दिया. कुछ समय तक पोर्ट ट्रस्ट से जुड़े रहे और बाद में अमेरिका चले गए. अमेरिका में भी उनका मन नहीं लगा और वे भारत लौट आए.
इसके बाद वे ओडिशा सरकार के डिजास्टर मैनेजमेंट सलाहकार बने. मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी वैष्णव का उनसे संपर्क बना रहा. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी यह संपर्क कायम रहा.
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वैष्णव की कार्यशैली से प्रभावित मोदी आखिरकार उनको दो साल पहले राज्यसभा में लेकर आए. अश्विनी वैष्णव के दो बेटे हैं और दोनों लंदन में पढ़ाई कर रहे हैं. (Photo: Twitter)