
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के सात साल पूरे होने जा रहे हैं. 30 मई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे हो रहे हैं, लेकिन अभी भी मोदी कैबिनेट के पहले मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार है. मंत्रियों के निधन या फिर एनडीए से अलग होने वाले दलों के द्वारा मंत्री पद छोड़ने के कारण उनके पद आज भी खाली हैं, जिसकी वजह से मौजूदा समय में चार मंत्रियों के पास मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार है. ऐसे में सवाल उठता है कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा.
मोदी सरकार में फिलहाल 22 कैबिनेट, 9 स्वतंत्र प्रभार और 29 राज्य मंत्री हैं. इस तरह के फिलहाल मंत्रियों की संख्या 60 हो रही है जबकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री सहित अधिकतम 82 मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस तरह से मोदी कैबिनेट में अभी भी 22 मंत्री पद खाली है. माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते कैबिनेट विस्तार नहीं हो पा रहा है. हालांकि, इस बात की काफी चर्चाएं थी कि महामारी की पहली लहर के बाद कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है, लेकिन अब दूसरी लहर के खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल में फेर बदल हो सकता है.
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास पर्यावरण के अलावा नवंबर 2019 से भारी उद्योगों मंत्रालय का प्रभार भी है. हालांकि, पहले इस पद की जिम्मेदारी शिवसेना के अरविंद सावंत के पास थी, लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी से राह अलग होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से प्रकाश जावेड़कर संभाल रहे हैं.
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को एलजेपी नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद अक्टूबर 2020 में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. पासवान के निधन के बाद से केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक भी गैर-बीजेपी मंत्री नहीं हैं. केवल आरपीआई के रामदास अठावले, एनडीए के सहयोगी, मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री हैं, लेकिन वो भी बीजेपी कोटे से हैं.
वहीं, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास पहले से ही तीन मंत्रालयों, कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज है. अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल द्वारा कैबिनेट छोड़ने के बाद पिछले साल सितंबर में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. बता दें कि अकाली दल ने कृषि कानूनों को लेकर मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था और बाद एनडीए से नाता तोड़ लिया था.
पिछले साल सितंबर में कोरोना के चलते सुरेश अंगड़ी के निधन हो गया था, जिसके बाज से रेल राज्य मंत्री का पद भी खाली पड़ा है. इसके अलावा हाल ही में केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू को श्रीपद नाइक के बाद आयुष मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, जिनके पास मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार है. इसी साल जनवरी में नाइक एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. नाइक अभी भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हुए हैं.
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया भी केंद्र में मंत्री बनने का इंतेजार एक साल से कर रहे हैं. सिंधिया के समर्थकों ने कई बार उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने की मांग उठा चुके हैं, लेकिन कैबिनेट में विस्तार न होने के चलते नहीं हो पा रहा है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद में वर्तमान में 22 कैबिनेट मंत्री हैं. स्वतंत्र प्रभार वाले नौ राज्य मंत्री हैं; इनमें राजकुमार सिंह, मनसुख मांडविया, जितेंद्र सिंह, रिजिजू, हरदीप पुरी और नाइक भी अतिरिक्त मंत्रालयों के साथ राज्य मंत्री हैं.
बीजेपी के अगुवाई वाली एनडीए के 2019 से तीन सहयोगियों, शिवसेना, अकाली दल और एलजेडी को खो दिया है. नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), 2017 में एनडीए में फिर से शामिल हो गई, लेकिन केंद्र में इसका प्रतिनिधित्व नहीं है. इतना ही नहीं रामविलास पासवान के निधन से रिक्त हुई सीट एलजेपी को मिलेगी या नहीं यह भी साफ नहीं है.
बता दें कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के मंत्रिमंडल में कुल 80 मंत्री बने थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा अभी 70 भी क्रॉस नहीं कर सका है. मोदी सरकार ने 2019 में गठित हुई थी तो कुल 54 मंत्री बनाए गए थे, लेकिन अलग-अलग कारणों से एक के बाद एक मंत्रालय खाली होते गए. ऐसे में अब देखना है कि मोदी सरकार अपनी कैबिनेट का पहला विस्तार कब कर रही है?