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छत्तीसगढ़, राजस्थान में कांग्रेस को घेरने के लिए AAP तैयार, कैसे बचेगी ‘INDIA’ की एकता?

आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस को घेरने को तैयार है. पार्टी ने इन राज्यों में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि विपक्षी गठबंधन की एकता कैसे बचेगी?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
बिकेश तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत पांच राज्यों में चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो चुका है. चुनाव कार्यक्रम का ऐलान होने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है. आदम आदमी पार्टी ने भी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मजबूती से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ कह दिया है कि हमारी तैयारी है. हम पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे.

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राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, दोनों ही दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया गठबंधन में शामिल हैं. आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस को घेरने के लिए तैयार है. ऐसे में सवाल इंडिया गठबंधन को लेकर भी उठ रहे हैं.

उठते सवालों के बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने ये साफ कर दिया है कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए है, राज्यों के चुनाव के लिए नहीं. संदीप पाठक के इस बयान और पांचो राज्यों के चुनाव कार्यक्रम के ऐलान से पहले तेलंगाना में हुई दो दिन की सीडब्ल्यूसी की बैठक से निकले संकेत भी कुछ ऐसे ही थे.

कमलनाथ और रणदीप सिंह सुरजेवाला (फाइल फोटोः पीटीआई)

सीडब्ल्यूसी की बैठक में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने साफ कहा था कि सूबे में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट देने का सवाल ही नहीं है. अब, जब आम आदमी पार्टी ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मजबूती से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, चर्चा इसे लेकर भी शुरू हो गई है कि कहीं अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी गुजरात की तरह कांग्रेस को डेंट ना कर दे.

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गुजरात चुनाव में कांग्रेस 77 सीटों से 17 पर आ गई तो इसके पीछे 12 फीसदी से अधिक वोट प्राप्त करने वाली आम आदमी पार्टी को बड़ी वजह माना गया. दिल्ली और पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की वजह से सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को ही हुआ है. दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस के नेता भी विपक्षी गठबंधन में आम आदमी पार्टी की मौजूदगी का विरोध करते रहे हैं तो बड़ी वजह इसे ही माना जाता है.

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पंजाब में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक्शन और विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी के बाद विरोध और बढ़ा है. अब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में आम आदमी पार्टी जिस तरह से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की तैयारी में है, विपक्षी गठबंधन की एकजुटता को लेकर सवाल और गहरे हो गए हैं.

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राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने इंडिया गठबंधन के घटक दलों में नूरा-कुश्ती को लेकर कहा था कि ये तब तक चलेगी जब तक लोकसभा चुनाव हो नहीं जाते. राज्यों के चुनाव में भी ऐसा ही होता नजर आ रहा है. कहा तो ये भी जा रहा है कि आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव के पहले अपनी बारगेनिंग पावर बढ़ाने के लिए ऐसा कर रही है. कांग्रेस की अलका लांबा ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा है कि बीजेपी के चाहने के बावजूद आम आदमी पार्टी, बसपा और एआईएमआईएम कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगी और कांग्रेस फिर से सरकार बनाएगी.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

एक पहलू ये भी है कि आम आदमी पार्टी के नेता इन राज्यों में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने की बात तो कर रहे हैं लेकिन वैसी तैयारी नहीं नजर आ रही है जैसी गुजरात चुनाव में दिखी थी. अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और मनीष सिसोदिया, तीन बड़े नेता चुनाव के करीब छह महीने पहले से ही एक्टिव हो गए थे. तीनों ने लगातार गुजरात के दौरे किए. हर हफ्ते आम आदमी पार्टी का कोई न कोई बड़ा नेता गुजरात के किसी न किसी शहर में, किसी न किसी कार्यक्रम में शामिल हो रहा होता था.

राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि बयान अलग बात है और तैयारी अलग बात. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी की शिथिलता के पीछे अपनी उलझनें हों या 2024 की तैयारी में व्यस्तता, हकीकत यही है कि पार्टी अभी तक मैदान में कहीं नजर नहीं आ रही है. आम आदमी पार्टी की रणनीति यही है कि कांग्रेस उसे कुछ सीटें दे दे जो संभव नहीं लगता. इस गठबंधन में बहुत विरोधाभास हैं और मुझे नहीं लगता कि आम आदमी पार्टी इसमें लंबे समय तक रहने वाली है.

आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ की 90 में से 22 और मध्य प्रदेश की 230 में से 39 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर चुकी है. पार्टी राजस्थान में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने की तैयारी में है. इन चुनावों में आम आदमी पार्टी कांग्रेस को कहां और कितना डैमेज करती है, ये चुनाव नतीजे बताएंगे.

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