
संसद में बजट पर चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी के एक बयान पर हंगामा हो गया. अभिषेक बनर्जी ने बजट को जनविरोधी बताते हुए कहा कि ये दो सहयोगियों के लिए तैयार किया गया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चुनावी नारों का जिक्र करते हुए भी सरकार को घेरा. अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बीजेपी ने 2014 में सत्ता में आने से पहले अच्छे दिन का वादा किया था. लेकिन आने के बाद क्या किया. उन्होंने ग्लोबल हंगर इंडेक्स का जिक्र करते हुए कहा कि इन्होंने वास्तविक मुद्दों पर ध्यान दिया होता तो आज भारत 125 देशों की लिस्ट में 111 नंबर पर नहीं होता.
अभिषेक बनर्जी ने बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ये कहा करते थे सबका साथ, सबका विकास. इनके विधायक कह रहे हैं- जो हमारे साथ, हम उनके साथ. इसे इस फेल सरकार की फेल वित्त मंत्री ने बजट में भी प्रूव किया है. उन्होंने दलितों के खिलाफ अपराध के आंकड़े गिनाने के साथ ही कांवड़ यात्रा रूट पर दुकान मालिकों और स्टाफ के नाम बताने वाले आदेश को लेकर भी सवाल उठाए और सवालिया अंदाज में कहा कि यूपी में कौन सीएम है?
उन्होंने लोकसभा, राज्यसभा या किसी राज्य की विधानसभा में बीजेपी की ओर से मुस्लिम सदस्य का नाम बताने की चुनौती भी दी. अभिषेक बनर्जी ने रोजगार को लेकर भी मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया और कहा- मोदीजी की तीसरी बार, युवक अभी भी बेरोजगार. अभिषेक बनर्जी ने अपने संबोधन के दौरान ट्रेजरी बेंच की ओर से किसी सदस्य की टिप्पणी पर कहा कि जो सवाल पूछ रहा हूं, उनके जवाब मंत्री को देने हैं. चुनौती देता हूं, इनके सीने में दम है तो किसी भी चैनल पर आ जाएं, मुझे टाइम बता दें आ जाऊंगा.
इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि सदन में चुनौती मत दीजिए. यहां चुनौती नहीं. बाहर चुनौती देना. इसके बाद अभिषेक ने फिर बोलना शुरू किया. ट्रेजरी बेंच की ओर से किसी सदस्य ने उनके पढ़ने पर कुछ कहा. इस पर अभिषेक ने कहा कि ये अपने नेता को जाकर बोलें जो पढ़कर बोलते हैं. इस पर स्पीकर ने उन्हें फिर टोका और कहा कि आप अपनी बात कहिए, नेता को लेकर मत कहिए.
यह भी पढ़ें: 'हमको लगा था सबसे ज्यादा हमें ही मिलेगा, बजट में राज्यों के बीच भेदभाव', बोले खड़गे, विपक्ष का जोरदार हंगामा
अभिषेक बनर्जी जब बोल रहे थे, उन्होंने डिमोनेटाइजेशन का जिक्र कर सवाल उठाए. स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप वर्तमान बजट पर बोलिए. 2016 के बाद 2019 भी बीत गया है. अभिषेक ने इस पर स्पीकर से कहा कि कोई 60 साल पहले नेहरू की बात बोलता है, कोई 50 साल पहले इमरजेंसी पर बोलता है तब आप नहीं रोकते. अभिषेक बनर्जी ने तीन कृषि कानून बिना किसान या विपक्षी पार्टियों से सलाह मशविरा किए बगैर पारित कराए जाने की बात कही.
यह भी पढ़ें: कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और नौकरी के लिए सरकार ने क्या किया? मंत्री ने संसद में दी जानकारी
स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि इस सदन में साढ़े पांच घंटे चर्चा हुई है, आप अपनी जानकारी को करेक्ट करिए. इस पर अभिषेक बनर्जी ने कुछ कहा तो स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि जब स्पीकर बोलता है, तो बोलता है. अगर कुछ कह रहा हूं तो गलत नहीं कह रहा. अभिषेक बनर्जी ने अपने खिलाफ ई़डी और सीबीआई की ओर से दर्ज मामलों का भी जिक्र किया और कहा कि जनता मालिक है, कोई नेता मालिक नहीं है. बंगाल और मेरे निर्वाचन क्षेत्र की जनता ने मुझे तीसरी बार सात लाख 10 हजार वोट के अंतर से जिताकर उदाहरण सेट किया है. नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीजेपी के लोगों और बाकी देश ने देखा है- ये जनता की ताकत है.
यह भी पढ़ें: कुमारी शैलजा ने सुषमा स्वराज का बयान याद कर सरकार को घेरा, स्पीकर बोले- ये हरियाणा विधानसभा नहीं
इससे पहले अभिषेक ने एक सदस्य की ओर इशारा कर व्यक्तिगत टिप्पणी भी कर दी थी जिसे लेकर सत्ता पक्ष और टीएमसी के सांसद आमने-सामने आ गए. स्पीकर ओम बिरला ने सदस्यों को उन व्यक्तियों के नाम लेने से बचने की नसीहत दी जो इस सदन के सदस्य नहीं हैं. इस पर अभिषेक बनर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी इस सदन की सदस्य हैं क्या, फिर उनका नाम क्यों लिया जाता है. अभिषेक बनर्जी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि थोड़ा सब्र रखिए और कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, मौसम बिगड़ने वाला है.
अभिषेक के संबोधन के बाद बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने 2021 की एक व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कई बार असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया है. उसे एक्सपंज किया जाना चाहिए और उन्हें इसके लिए सदन से माफी मांगनी चाहिए. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि ऐसा देखने को मिल रहा है कि सदस्य आसन पर सवाल उठा रहे हैं. ये गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए.