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आज से बजट सत्र का दूसरा चरण, अडानी मुद्दे पर कांग्रेस का हल्लाबोल, राजभवनों का भी करेगी घेराव

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट सत्र की रणनीति पर चर्चा के लिए सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है. ये बैठक संसद में विपक्ष के नेता के कार्यालय में होगी. साथ ही कांग्रेस ने अडानी मुद्दे पर राज्यों की राजधानी में चलो राजभवन के तहत देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की (फोटो PTI) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की (फोटो PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST

कांग्रेस एक बार फिर संसद से लेकर सड़क तक अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट सत्र की रणनीति पर चर्चा के लिए सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है. ये बैठक संसद में विपक्ष के नेता के कार्यालय में होगी. साथ ही कांग्रेस ने अडानी मुद्दे पर सोमवार को राज्यों की राजधानी में 'चलो राजभवन' नारे के तहत देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.

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बता दें कि बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक पूरा हो गया है. अब दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा. करीब 66 दिन लंबे इस पूरे सत्र के दौरान कुल 27 बैठकें तय की गई थीं.

खड़गे ने उपराष्ट्रपति से की मुलाकात

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को ट्वीट किया और बताया कि आज राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की. खड़गे ने बताया कि संसद के मौजूदा सत्र से पहले राज्यसभा के सभापति से उनका सहयोग लेने के लिए मुलाकात की. हम विपक्षी दल, सरकार को जवाबदेह बनाने में रचनात्मक भूमिका निभाने के इच्छुक हैं. देश के सामने मौजूद हर ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं.

कांग्रेस ने देशव्यापी आंदोलन का किया है ऐलान 

बताते चलें कि कांग्रेस ने अडानी मसले पर देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में बताया था कि पार्टी ने अडानी ग्रुप विवाद में देशव्यापी आंदोलन चलाने का फैसला किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार आम लोगों के पैसे का इस्तेमाल अपने करीबी दोस्तों की मदद के लिए कर रही है, जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है. कांग्रेस पार्टी ने अपना आंदोलन तेज करने और इस मुद्दे को सीधे जनता के बीच ले जाने का फैसला किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने को कहा गया है, जहां राज्य के वरिष्ठ नेता मीडिया को संबोधित करेंगे. इसके बाद सभी राज्य इकाइयां अलग-अलग स्तरों पर आंदोलन की गतिविधियों का आयोजन करेंगी. 

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'चलो राजभवन' मार्च निकाला जाएगा

कांग्रेस ने पूरे देश में 6 से 10 मार्च के बीच सार्वजनिक बैंकों और LIC के कार्यालयों के सामने ब्लॉक-स्तरीय आंदोलन आयोजित करने के निर्देश दिए थे. मार्च के महीने में सभी जिला मुख्यालयों पर पर्दाफाश रैलियां आयोजित की जाएंगी. 13 मार्च को राज्य मुख्यालयों पर एक विशाल 'चलो राजभवन' मार्च का आयोजन किया जाएगा.

अप्रैल में विशाल महारैलियां करेगी कांग्रेस

अप्रैल के महीने में सभी राज्यों की राजधानियों में विशाल महारैलियों का आयोजन किया जाएगा, और इन्हें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य राष्ट्रीय स्तर के नेता संबोधित करेंगे. राज्य स्तर के सभी वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, विधायकों/एमएलसी और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों, फ्रंट लाइन संगठनों, विभागों और प्रकोष्ठों के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को इन सभी आंदोलनों में भाग लेने के लिए कहा गया है. 

राहुल ने अडानी मसले पर पीएम मोदी को घेरा था

इससे पहले राहुल गांधी ने संसद में संबोधन के दौरान अडानी समूह पर जमकर निशाना साधा था. राहुल ने तंज कसते हुए कहा था कि जब मैं भारत में सड़कों पर घूम रहा था तब मुझसे कई युवाओं ने कहा कि हम भी अडानी की तरह बनना चाहते हैं, स्टार्टअप करना चाहते हैं. राहुल ने युवाओं का नाम लेकर कहा कि युवा भी जानना चाहते हैं कि कैसे किसी भी बिजनेस में घुसकर तुरंत तरक्की पाई जाए?

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राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा सवाल करते हुए कहा था कि वे गौतम अडानी के साथ कितनी बार विदेश दौरे पर गए, अडानी को कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद कितने देशों के दौरे किए और पिछले 20 साल में अडानी ने बीजेपी को कितना चंदा दिया है? उन्होंने ये भी कहा था कि कभी पीएम मोदी, अडानी के प्लेन में उड़ान भरते थे और अब अडानी, मोदी के प्लेन में उड़ान भर रहे हैं. अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि कुछ साल पहले केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए ठेका दिया. तब नियम था कि कोई भी फर्म जिसके पास इस तरह के काम का कोई एक्सपीरिएंस नहीं है वो इस ठेके के लिए अप्लाई नहीं कर सकता है.

 

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