
सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा को खारिज करते हुए कल स्पष्ट किया था कि वह पूरे 5 साल के कार्यकाल के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. लेकिन कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की चाहत रखने वालों की लाइन लगी मालूम पड़ती है. अब राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शीर्ष पद पर विराजमान होने की अपनी इच्छा सार्वजनिक रूप से जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अगर किस्मत अच्छी रही तो वह जरूर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे.
जी परमेश्वर सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. केएन राजन्ना ने कहा था कि वह एक दिन जी परमेश्वर को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. तुमकुरु जिला मुख्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान राजन्ना ने कहा था, 'परमेश्वर आज गृह मंत्री हैं. भविष्य में कुछ भी हो सकता है. उनका भाग्य अच्छा है. मेरा मानना है कि आने वाले दिनों में उन्हें (मुख्यमंत्री बनने का) सौभाग्य प्राप्त होगा. हम इसके लिए प्रयास करेंगे, इस बारे में कोई संदेह नहीं है.'
मैं भी चाहता हूं कि CM बनने का सौभाग्य घटित हो: परमेश्वर
यह कहते हुए कि तुमकुरु का मुख्यमंत्री होगा तो यहां की जनता को खुशी मिलेगी, राजन्ना ने कहा, 'अगर वह (परमेश्वर) मुख्यमंत्री बनते हैं तो हमे ऐसा लगेगा जैसे हम सभी मुख्यमंत्री बने हैं.' कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष 72 वर्षीय जी परमेश्वर ने कहा, 'मैं राजन्ना का आभारी हूं. मैं भी चाहता हूं कि ऐसा सौभाग्य घटित हो.' हालांकि, परमेश्वर ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि मुख्यमंत्री पद पर उनकी पदोन्नति कब होगी. उन्होंने कहा, 'कई योग्य उम्मीदवार हैं (जो सीएम बन सकते हैं). सभी को मौका मिलना चाहिए.'
आलाकमान कहेगा CM बनो, तो जरूर बनूंगा: प्रियांक खड़गे
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि जब सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार तुमकुरु में उनके घर आए थे तो इस मुद्दे पर कोई चर्चा हुई थी. इस बीच, पत्रकारों से बात करते हुए, कर्नाटक के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा 'दिल्ली में चार लोग' तय करते हैं. खड़गे ने कहा, 'जैसा कि मैंने कहा है कि दिल्ली में चार लोग एक साथ बैठते हैं (और निर्णय लेते हैं). उन चार लोगों को छोड़कर जो भी बात करेगा उसका कोई मूल्य नहीं है. अगर आलाकमान कहता है कि मैं मुख्यमंत्री पद संभालूं, तो मैं इसके लिए जरूर हां कहूंगा.'
जब CM पद खाली नहीं तो चर्चा का क्या मतलब: डीके सुरेश
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई और कांग्रेस के लोकसभा सदस्य डीके सुरेश ने कहा कि जब मुख्यमंत्री का पद खाली नहीं है तो अटकलों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है. सुरेश ने कहा, 'सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं. सीएम पद खाली नहीं है. जब पद खाली हो तो इस बात पर चर्चा होनी चाहिए. अभी ऐसी बातचीत का क्या फायदा?' उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस को पूरे 5 साल सरकार चलाने के लिए बहुमत दी है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार का लक्ष्य सरकार सुचारू रूप से चले, यह सुनिश्चित करना है.