
NCP प्रमुख शरद पवार के मुंबई स्थित घर 'सिल्वर ओक' अपार्टमेंट के बाहर उग्र प्रदर्शन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये कहना बिल्कुल गलत है कि MVA सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने और महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की कोशिश नहीं की.
डिप्टी सीएम ने कहा कि एमवीए सरकार ने शुरू से ही नेहरू केंद्र में MSRTC प्रतिनिधिमंडलों के साथ चर्चा में सकारात्मक रूप से भाग लिया है. बाद में MSRTC के कुछ प्रतिनिधियों ने यूनियन को दरकिनार कर दिया और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. कोरोना महामारी के दौरान जब राज्य परिवहन ठप था तब राज्य सरकार ने उनके वेतन के लिए 250 करोड़ रुपये का मासिक प्रावधान किया था.
धावा बोलने की क्या जरूरत थी?
अजीत पवार ने कहा कि जब MSRTC के कर्मचारी हाई कोर्ट के फैसले से सहमत हो गए थे तो 'सिल्वर ओक' अपार्टमेंट के बाहर धावा बोलने की क्या जरूरत थी? मैं हैरान हूं कि आंदोलनकारियों के पक्ष में हाई कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने आजाद मैदान में अपनी जीत का जश्न मनाया था. जब आप जीत का जश्न मना रहे हैं तो सिल्वर ओक जाने का कोई कारण नहीं था. इस हमले का मास्टरमाइंड जो भी होगा बेनकाब हो जाएगा.
डिप्टी सीएम ने बताया कि गृह मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं और एक वरिष्ठ अधिकारी को इस खुफिया विफलता के कारण का पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है. इस तरह के हमले महाराष्ट्र में कभी नहीं हुए, खासकर पिछले 40 से 60 वर्षों के दौरान जब से शरद पवार राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं.
बता दें कि शुक्रवार को राज्य परिवहन कर्मचारियों ने मुंबई में पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. कर्मचारियों ने सरकार पर वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है. कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान सुप्रिया सुले ने उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन विरोध जारी रहा.
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के 100 से अधिक हड़ताली कार्यकर्ताओं ने शरद पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए एनसीपी चीफ के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनके मुद्दों को हल करने के लिए शरद पवार और उनकी पार्टी ने कुछ नहीं किया है. हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि वे MSRTC के राज्य सरकार में विलय की अपनी मांग पर अडिग हैं.
संजय राउत ने कहा- ये साजिश है
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि यह एक साजिश थी. जल्द ही इसका खुलासा हो जाएगा कि इसके पीछे कौन था? शरद पवार का MSRTC कार्यकर्ताओं की हड़ताल से कोई संबंध नहीं था. कोई महाराष्ट्र में राजनीतिक और सामाजिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है. वहीं, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि देश के सबसे वरिष्ठ हस्तियों में से एक, शरद पवार के आवास पर हमले की निंदा करती हूं. ऐसे हमले साजिश करने वालों पर एक्शन लेना चाहिए.