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'जब असम के पूर्व सीएम ने हमें बहुत मार मारा था...' अमित शाह ने बताया 40 साल पुराना किस्सा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में शनिवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि चीन से युद्ध के समय जवाहरलाल नेहरू असम को भूल गए थे. एक समय पर उग्रवाद ने पूर्वोत्तर को लगभग अलग कर दिया था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से पूर्वोत्तर को मुख्यधारा में शामिल किया है. वहीं उन्होंने असम के लोगों से बाढ़ की समस्या को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पांच साल का वक्त मांगा है.

अमित शाह ने गोवाहाटी में पार्टी के नए कार्यालय का उद्घाटन किया. अमित शाह ने गोवाहाटी में पार्टी के नए कार्यालय का उद्घाटन किया.
जितेंद्र बहादुर सिंह/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 9:45 PM IST

2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. बीजेपी पूर्वोत्तर में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती इसलिए पार्टी के दिग्गज वहां लगातार दौरा कर रहे हैं. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद अब अमित शाह पूर्वोंत्तर गए हुए हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को गुवाहाटी में पार्टी के नए कार्यालय का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने 40 साल पुराना एक वाकया याद करते हुए कहा कि जब वह यहां आंदोलन के दौरान इंदिरा गांधी के खिलाफ नारे लगाए थे, तब कांग्रेस के तत्कालीन सीएम हितेश्वर सैकिया की सरकार में उनको खूबर मारा गया था.

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उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा- मैं यहां विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में आया था तब हमें हितेश्वर सैकिया (असम के पूर्व CM) ने हमें बहुत मार मारा था... हम नारे लगाते थे-असम की गलियां सूनी है, इंदिरा गांधी खूनी है. उस वक्त कल्पना नहीं थी कि भाजपा अपने बूते पर 2 बार जीतकर यहां सरकार बनाएगी. मालूम हो कि कांग्रेस नेता हितेश्वर सैकिया दो बार असम के सीएम बने थे. उन्होंने पहली बार 28 फरवरी 1983 से लेकर 23 दिसंबर 1985 तक फिर दूसरी बार 30 जून 1991 से लेकर 22 अप्रैल 1996 तक सीएम पद संभाला था.

 

पांच साल में खत्म कर देंगे बाढ़ की समस्या

अमित शाह ने असम में बाढ़ की समस्या को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पांच साल का समय मांगा. उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक आपदा को इतिहास बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय एक 'महत्वाकांक्षी' बाढ़ शमन परियोजना तैयार की जा रही है.

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उन्होंने कहा कि भाजपा के घोषणापत्र में हमने आतंकवाद, भ्रष्टाचार और बाढ़ से मुक्त असम का वादा किया था. हमने पहले दो लक्ष्य हासिल कर लिए हैं. हमें पांच साल और दें हम असम को बाढ़ से मुक्त करेंगे. पांच साल में बाढ़ इतिहास बन जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम को बाढ़ मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 

असम में हर साल करीब तीन से चार बार बाढ़ आती है. राज्य सरकार की वेबसाइट के अनुसार, इस प्राकृति आपदा के कारण इससे करीब 200 करोड़ रुपये वार्षिक नुकसान होता है.

हम नहीं चाहते अफस्पा की जरूरत पड़े

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि पार्टी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में विश्वास करती है ताकि समाज में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA) जैसे कानूनों की आवश्यकता न हो. इसका आवेदन पूर्वोत्तर क्षेत्र के लगभग 80 प्रतिशत से पहले ही वापस ले लिया गया है.

उन्होंने कहा, "अफस्पा सेना और सुरक्षा बलों के लिए सुरक्षा है. राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि अगर उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो अफस्पा वापस ले लिया जाएगा. मैंने कहा था कि सुरक्षा बलों को मजबूत करने की जरूरत है."

...स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा पीएम का नाम

अमित शाह ने कहा कि 1962 में चीन के साथ लड़ाई के समय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नॉर्थ ईस्ट को बाय-बाय कर दिया था. कग्रेस भूल ही गई कि समग्र नॉर्थ-ईस्ट भी भारत का भू-भाग है. कांग्रेस के शासनकाल में पूर्वोत्तर में भारत को तोड़ने की प्रक्रिया चल रही थी और कांग्रेस मूकदर्शक बनी हुई थी. नॉर्थ-ईस्ट में भारत को तोड़ने की प्रक्रिया को कांग्रेस चुपचाप देखती रही. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को तोड़ने की प्रक्रिया को बंद कर भारत को जोड़ने का काम किया है.

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उन्होंने कहा कि जिन लोगों को भारत को जोड़ना है, उनके लिए देश के उत्तर-पूर्व में शांति और उत्तर-पूर्व का विकास एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि किस तरह एक भी भाषण दिए बगैर पूर्वोत्तर के राज्यों में विकास की कहानी लिखी गई है. जिस पूर्वोत्तर को भारत से तोड़ने का एक अभियान चलाया गया था, वहां शांति और विकास की स्थापना कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत जोड़ने का अभियान बना दिया है. जब भी उत्तर-पूर्व का इतिहास लिखा जाएगा, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और भाजपा का नाम स्वर्णाक्षरों से लिखने को इतिहासकार मजबूर हो जाएंगे.

शाह के सामने नष्ट किया गया 40,000 किलो ड्रग्स

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 40,000 किलोग्राम मादक पदार्थ को नष्ट किया. एनसीबी ने कार्रवाई करते हुए असम में 8,000 किलो, अरुणाचल प्रदेश में 4000 किलो, मेघालय में 1600 किलो, नगालैंड में 398 किलो, मणिपुर में 1900 किलो, मिजोरम में 1500 किलो और त्रिपुरा में 12,000 किलो मादक पदार्थ को जब्त किया था.

अमित शाह पूर्वोत्तर भारत में नशीली दवाओं के चलन के खात्मे के तरीकों पर चर्चा करने के लिए असम में 'नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा' पर एक बैठक में शामिल भी हुए.

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