
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि AAP नेता के खालिस्तानी अलगाववादियों के साथ संबंध हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि इस पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि ये अर्थहीन और आधारहीन याचिका है. कृपया ऐसी याचिका दाखिल नहीं करें.
अदालत ने कहा कि याचिका में कहा है कि 'AAP' का खालिस्तानियों से संबंध है और इसकी जानकारी अथॉरिटी को भी है. ऐसे में हम क्या आदेश जारी करें?
दरअसल, कांग्रेस नेता जगदीश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर AAP के संबंध खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों के साथ होने का आरोप लगाते हुए AAP और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस यानी SFJ से संबंध होने का इल्जाम लगाया. शर्मा ने एसएफजे से अवैध रूप से विदेशी धन स्वीकार करने का आरोप भी केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी पर लगाते हुए इसकी जांच कराए जाने की मांग भी की थी.
अदालत के इस फैसले पर CM केजरीवाल ने विरोधियों पर पलटवार करते हुए कहा, ''जिन लोगों ने मुझे आतंकवादी बोला था, पहले जनता ने उनको जवाब दिया. आज अदालत ने उन्हें जवाब दे दिया.''
बता दें कि हाल ही में कुमार विश्वास ने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल, खालिस्तानी और अलगाववादियों का समर्थन लेते हैं. उनके इसी बयान के बाद सियासी बवाल मचा हुआ है. उधर, पंजाब विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने जबरदस्त जीत हासिल कर ली है.
गौरतलब है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी को 92, कांग्रेस को 18, अकाली दल को 3, बीजेपी को 2 सीटें मिली हैं. 16 मार्च यानी बुधवार को AAP नेता भगवंत मान राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहा रहे हैं.