
नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत देने का काम किया है. 4.1 की बहुमत से नोटबंदी को सही बता दिया गया है. अब एक तरफ केंद्र कोर्ट के इस फैसले के जरिए विपक्ष पर हमलावर है तो दूसरी तरफ AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से सरकार से बड़ा सवाल पूछा गया है. जोर देकर कहा गया है कि अगर नोटबंदी इतनी बड़ी सफलता है तो बीजेपी इसे सिलेब्रेट क्यों नहीं करती है.
ओवैसी कहते हैं कि ये बहुत अजीब बात है. नोटबंदी का जो भ्रष्टाचार खत्म करने का उदेश्य था, वो सब एक मजाक रहा. लाइन में खड़े होकर ही कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी. प्रधानमंत्री को तो उल्टा इस मामले में राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी. कुछ तथ्य तो ऐसे सामने आए हैं, जिन्हें कोई नहीं नकार सकता है. क्या जीडीपी गिरी नहीं? अजीम प्रेम जी यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट कहती हैं कि नोटबंदी के बाद 50 लाख लोगों ने अपनी नौकरी गंवा दी. नोटबंदी के बाद तो और ज्यादा लोगों ने कर्ज लिया है. मैं तो बीजेपी को चुनौती देता हूं, ये लोग नोटबंदी को सेलिब्रेट क्यों नहीं करते हैं, इसे लेकर जश्न क्यों नहीं मनाते हैं.
अब जानकारी के लिए सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी पर बहुमत वाला फैसला पढ़ते हुए जस्टिस गवई ने कहा, कालाबाजारी और टेरर फंडिंग जैसे अपराधों को रोकने के मकसद से नोटबंदी हुई थी और अब ये प्रासंगिक नहीं है कि वो मकसद हासिल हुए या नहीं. जस्टिस गवई ने कहा कि ये नहीं कहा जा सकता कि पुराने नोट बदलने के लिए मिले 52 दिन सही नहीं थे. उन्होंने कहा, किसी भी फैसले को इसलिए गलत नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वो सरकार ने लिया था. रिकॉर्ड देखने से पता चलता है कि नोटबंदी से पहले आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच 6 महीने तक बातचीत हुई थी. अकेले जस्टिस नागरत्ना ने नोटबंदी के फैसले को 'गैरकानूनी' बताया है.
वैसे AIMIM चीफ की तरफ से सिर्फ जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुए आतंकी हमले पर भी बोला गया है. उन्होंने एक तरफ इस हमले की निंदा की है तो वहीं दूसरी तरफ इसे बीजेपी सरकार की एक बड़ी असफलता बता दी है. जोर देकर कहा गया है कि आतंकी तो हमेशा से ही बड़े दिनों पर हमला करने की फिराक में रहते हैं, अलर्ट रहने की जरूरत होती है. ओवैसी ने दिल्ली की सुल्तानपुरी वाली घटना पर भी दुख जाहिर किया है. उनकी तरफ से अपील हुई है कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठे किए जाएं और फिर उन्हें कठोर से कठोर सजा दी जाए.