
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा पर बयानबाजी शुरू हो गई है. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने घटना को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है.
ओवैसी ने कहा कि एमपी में कानून के शासन पर भीड़तंत्र हावी हो चुका है. भले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान की विचारधारा मस्जिदों को नापाक करने और बुजुर्गों पर हमले को सही ठहराती हो, लेकिन उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि वे संवैधानिक पद पर बैठे हैं. जनता की जान-माल की सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है.
ओवैसी ने आगे कहा कि सत्ता के नशे में गरीबों के आशियाने उजाड़े जा रहे हैं. उन्हें याद रखना चाहिए कि आज उनकी सरकार है, कल नहीं होगी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 10 अप्रैल को राम नवमी के मौके पर खरगोन में शोभायात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया था, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हिंसा शुरू हो गई थी. हिंसा के दौरान कुछ लोगों ने पेट्रोल बम भी फेंके थे. इस पूरे घटनाक्रम में आम जनता समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
एमपी में 2023 में होने हैं चुनाव
रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद सरकार एक्शन में आ गई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने पथराव करने वाले आरोपियों के घर ढहा दिए. ओवैसी ने शिवराज सरकार की इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए उन पर निशाना साधा है. बता दें कि अगले साल 2023 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. असदुद्दीन ओवैसी भी इस बार एमपी चुनाव में भाग्य आजमाना चाहते हैं. उनकी पार्टी की तरफ से पहले भी एमपी के इस चुनाव में एंट्री को लेकर बयान आते रहे हैं.
CM शिवराज ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश
रामनवमी के जुलूस पर पथराव की घटना के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे. सीएम ने कहा था कि रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मध्य प्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है. यह दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा. कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद ही पुलिस और प्रशासन ने आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चला दिए.
गृहमंत्री ने कहा था- कार्रवाई बन जाएगी मिसाल
इस मामले पर राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि सरकार ऐसी कार्रवाई करेगी, जो पूरे देश के मिसाल बन जाएगी. नरोत्तम मिश्रा ने आज तक से खास बातचीत करते हुए कहा था, 'इस हिंसा के बाद मामले की जांच की जा रही है. जैसे ही पूरा घटनाक्रम सामने आता है, ऐसी कार्रवाई होगी, जो मिसाल बन जाएगी. मध्य प्रदेश शांति का टापू है और इसे किसी सूरत में बदलने नहीं दिया जाएगा.'