
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के मसले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आड़े हाथों लिया है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावडेकर के बाबरी मस्जिद को लेकर दिए एक बयान पर ओवैसी ने निशाना साधा है.
जावडेकर ने 6 दिसंबर 1992 को एक ऐतिहासिक गलती के अंत की बात कही है, जिसे असदुद्दीन ओवैसी ने शर्मनाक बताया है. ओवैसी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि इसका कोई सबूत नहीं है कि मंदिर को गिराया गया था. यह भी कहा था कि मस्जिद का विध्वंस कानून का उल्लंघन था. सीबीआई अदालत कह चुकी है कि बाबरी मस्जिद को गिराने में किसी साजिश का कोई सबूत नहीं है. इतने गर्व के साथ आपने इसे अदालत में स्वीकार क्यों नहीं किया. शर्मनाक.'
असल में, असदुद्दीन ओवैसी ने न्यूज एजेंसी एएनआई के एक वीडियो ट्वीट को रिट्वीट करते हुए ये बात कही. एएनआई ने केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता प्रकाश जावडेकर के बयान को ट्वीट किया है. इसमें जावडेकर ने कहा, 'बाबर जैसे विदेशी आक्रमणकारी भारत आए तो उन्होंने राम मंदिर को ही तोड़ने के लिए क्यों चुना? क्योंकि वे जानते थे कि इस देश की आत्मा राम मंदिर में बसती है....6 दिसंबर 1992 को एक ऐतिहासिक गलती का अंत हो गया.'
बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर ओवैसी मुखर रहे हैं. 6 दिसंबर 2020 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर ओवैसी ने ट्वीट किया था और समर्थकों से कहा था कि वे आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाएं और उन्हें सिखाएं कि 400 साल तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी थी. हमारे पूर्वज इस मस्जिद के हॉल में इबादत करते थे और इसके आंगन में रोजा तोड़ते थे. जब उनकी मौत हो जाती थी तो आस-पास के कब्रिस्तान में उन्हें दफनाया जाता था.
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ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद बाबरी विध्वंस की पहली बरसी पर यह बात कही थी. फिलहाल, बाबरी विध्वंस के सभी आरोपी भी अदालत से बरी हो चुके हैं. AIMIM प्रमुख का कहना था कि इस नाइंसाफी को कभी नहीं भूलना चाहिए.