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कर्नाटकः किताब में खुद को 'टीपू सुल्तान' दिखाने पर भड़के सिद्धारमैया, बोले- मुझे बदनाम कर रही बीजेपी

सिद्धू निजाकनासुगलि नाम की इस किताब में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कथित कुशासन और कांग्रेस नेता की तुष्टिकरण की राजनीति से जुड़े लेख शामिल हैं. सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि चुनाव से पहले वे इस तरह की किताबों का विमोचन कर रहे हैं. यह पूरी तरह से अपमानजनक है. देखते हैं कि कानून के अनुरूप क्या कार्रवाई की जाती है.

बुक के कवर पेज पर टीपू सुल्तान के जैसे दिखाई दिए सिद्धारमैया बुक के कवर पेज पर टीपू सुल्तान के जैसे दिखाई दिए सिद्धारमैया
नागार्जुन
  • बेंगलुरु,
  • 09 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

कर्नाटक में टीपू सुल्तान को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने एक किताब के जरिए उनकी छवि धूमिल करने का बीजेपी पर आरोप लगाया है. सिद्धारमैया का कहना है कि यह किताब उनके कार्यकाल पर आधारित है.

सिद्धू निजाकनासुगलि नाम की इस किताब में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कथित कुशासन और कांग्रेस नेता की तुष्टिकरण की राजनीति से जुड़े लेख शामिल हैं.

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सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि चुनाव से पहले वे इस तरह की किताबों का विमोचन कर रहे हैं. यह पूरी तरह से अपमानजनक है. देखते हैं कि कानून के अनुरूप क्या कार्रवाई की जाती है.

किताब में सिद्धारमैया के कार्यकाल से जुड़े विवादित और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुद्दों और घटनाओं को शामिल किया गया है. स्थानीय अदालत ने किताब की रिलीज पर रोक लगा दी है. बेंगलुरू में टाउन हॉल में रिजर्व पुलिस की दो टुकड़ियों को तैनात किया गया है. इसी जगह पर किताब के विमोचन की योजना बनाई गई थी.

इस किताब के लॉन्च कार्यक्रम के पोस्टर्स में सिद्धारमैया को टीपू सुल्तान की तरह कपड़े पहने गई किताब की प्रतियों को दिखाय गया है. इन किताबों के कवर पेज पर उन्होंने तलवार भी पकड़ी हुई है. 

कांग्रेस ने इस किताब के जवाब में कहा है कि सिद्धारमैया की तस्वीर को राज्य में कानून एवं व्यवस्था और सौहार्द को बाधित करने की साजिश के तहत तस्वीर को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.

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टीपू सुल्तान के मंदिरों में बदलेगा 'सलाम आरती' का नाम

कर्नाटक सरकार ने पिछले साल दिसंबर में मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के मंदिरों में होने वाली सलाम आरती का नाम बदलने का फैसला किया था. इस आरती को  सैकड़ों साल पहले टीपू सुल्तान के सम्मान में कोल्लूर में शुरू किया गया था.

कर्नाटक सरकार में मंत्री शशिकला जोले ने कहा था कि सरकार ने दीवतिगे सलाम का नाम बदलकर दीवतिगे नमस्कार, सलाम आरती का नाम बदलकर आरती नमस्कार करने का फैसला लिया है. इसी तरह सलाम मंगल आरती का नाम बदलकर मंगल आरती नमस्कार किया जाएगा लेकिन रीति-रिवाज पहले की तरह परंपरा के अनुरूप ही जारी रहेंगे.

उन्होंने बताया कि कर्नाटक की राज्य धार्मिक परिषद की बैठक में कुछ श्रद्धालुओं ने इन आरतियों के नाम बदलने मांग की थी.

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