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'फिल्मों पर बेवजह के बयानों से बचें', PM मोदी की BJP नेताओं को नसीहत

दिल्ली में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया और पार्टी नेताओं को गलत बयानबाजी पर नसीहत दी. उन्होंने कहा कि पसमांदा और बोरा समाज से मिलना चाहिए. कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बनाकर रखना होगा. समाज के सभी वर्गों से मुलाकात करें. चाहे वोट दें या ना दें, लेकिन मुलाकात करें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:50 PM IST

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं को बड़ी नसीहतें और सुझाव दिए हैं. मोदी ने खुलकर किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों में गलत बयानबाजी करने से बचने की सलाह दी है. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि हम सारे दिन काम करते हैं और कुछ लोग किसी फिल्म पर बयान दे देते हैं, उसके बाद सारे दिन टीवी और मीडिया में वो ही चलता है. बेवजह के बयानों से बचना चाहिए.

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बता दें कि हाल ही में पठान फिल्म को लेकर राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिली थी. बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भगवा कपड़ों को लेकर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि भगवा रंग हमारे देश की शान है. ये रंग राष्ट्रध्वज में भी मौजूद है. भगवा की बेइज्जती करने की कोशिश की गई तो कोई भी नहीं बचेगा. ऐसा करने वाले को हम मुंहतोड़ जवाब नहीं बल्कि उसका मुंहतोड़ कर हाथ में रखने की हिम्मत रखते हैं. हम सन्यासी भी पीछे नहीं हटेंगे. एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि पठान फिल्म के गाने में दीपिका पादुकोण ने जो कपड़े पहने हैं, वो काफी आपत्तिजनक हैं. साफ दिख रहा है कि दूषित मानसिकता के साथ गाना फिल्माया गया है.

'समाज के सभी वर्गों से संवाद बनाए रखें'

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मंगलवार को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम मोदी ने गलत बयानबाजी पर नसीहत दी. उन्होंने कहा कि पसमांदा और बोहरा समाज से मिलना चाहिए. कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बनाकर रखना होगा. समाज के सभी वर्गों से मुलाकात करें. चाहे वोट दें या ना दें, लेकिन मुलाकात करें. पार्टी के कई लोगों को अब भी लगता है कि विपक्ष में हैं. पार्टी के कई लोगों को मर्यादित भाषा बोलनी चाहिए. 

'सत्ता में खुद को स्थाई ना समझें'

सूत्रों के मुताबिक, पीएम ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं से कहा कि अति आत्मविश्वास के चलते चुनाव हार गए थे. अति आत्मविश्वास से सभी को बचना चाहिए. सभी को मेहनत करने की जरूरत है. ये सोचना कि 'मोदी आएंगे, जीत जाएंगे' इससे काम नहीं चलेगा. सभी को संवेदनशील होने की जरूरत है. सत्ता में बैठे लोग ये ना समझें कि स्थाई हैं. सूत्रों ने कहा कि पीएम ने 'अति आत्मविश्वास' की किसी भी भावना के खिलाफ पार्टी को आगाह किया और दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार की अलोकप्रियता के बावजूद 1998 में मध्य प्रदेश में भाजपा की हार का उदाहरण दिया. मोदी तब वहां भाजपा के संगठनात्मक मामलों के प्रमुख थे.

'चुनाव में 400 दिन बचे हैं'

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से कहा कि बिना चुनावी सोच के बोहरा, पसमांदा और सिख जैसे अल्पसंख्यकों समेत समाज के हर तबके तक पहुंचें और उनके लिए काम करें. मोदी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में लगभग 400 दिन बचे हैं. ऐसे में समाज के हर वर्ग की सेवा पूरे समर्पण के साथ करें. पार्टी संगठन का विस्तार करने पर पूरी ताकत के साथ जुट जाएं.

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प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों से मिलने और उनसे जुड़ने के लिए विश्वविद्यालयों और चर्चों जैसे स्थानों पर जाने के लिए कहा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का सबसे अच्छा युग आ रहा है और पार्टी को देश के विकास के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए और 2047 तक 25 साल की अवधि 'अमृत काल' को 'कर्तव्य काल' (कर्तव्य युग) में बदलना चाहिए.

'बीजेपी अब सामाजिक आंदोलन भी है'

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि मोदी ने समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा- भाजपा अब केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं है, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन भी है, जो सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों को बदलने के लिए काम कर रहा है.

'युवाओं को बीजेपी के सुशासन के बारे में बताएं'

प्रधानमंत्री ने कहा कि 18-25 आयु वर्ग के लोगों ने भारत के राजनीतिक इतिहास को नहीं देखा है और पिछली सरकारों के तहत हुए 'भ्रष्टाचार और गलत कामों' से अवगत नहीं हैं. उन्होंने कहा- 'इसलिए, उन्हें जागरूक करने की जरूरत है. उन्हें भाजपा के सुशासन के बारे में बताएं.' फडणवीस ने कहा कि मोदी ने पार्टी को अपने विभिन्न 'मोर्चों' के विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की भी सलाह दी, खासकर सीमावर्ती गांवों में ताकि वह वहां के लोगों से अधिक जुड़ सकें और यह सुनिश्चित हो सके कि सरकार की विकास योजनाएं उन तक पहुंचें.

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उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री का भाषण प्रेरणादायक था. इसने हमारा मार्गदर्शन किया और साथ ही हमें एक नया रोडमैप भी दिखाया. उन्होंने हमें देश के विकास को आगे बढ़ाने के लिए अपने जीवन के हर पल को समर्पित करने के लिए कहा.

 

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