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उत्तर और दक्षिण का बैलेंस, केरल चुनाव में मदद... जानें वायनाड से प्रियंका गांधी को उतारने के कांग्रेस के फैसले के नफा-नुकसान

इस साल हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी दो सीट से मैदान में उतरे और प्रियंका गांधी ने दूरी बना ली थी. तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि अगर राहुल गांधी दोनों ही सीट से चुनाव जीत जाते हैं तो उनके इस्तीफे से रिक्त होने वाली एक सीट से प्रियंका गांधी उपचुनाव में उतर सकती हैं. हुआ भी ऐसा ही. प्रियंका गांधी वायनाड सीट से चुनाव लड़ेंगी, कांग्रेस ने ये ऐलान कर दिया है.

प्रियंका गांधी को वायनाड से उतराने जा रही है कांग्रेस (फाइल फोटो) प्रियंका गांधी को वायनाड से उतराने जा रही है कांग्रेस (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:44 PM IST

चुनाव आयोग ने मंगलवार को वायनाड और नांदेड़ लोकसभा सीटों के साथ-साथ 48 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा की. वायनाड संसदीय सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होगा. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. वायनाड लोकसभा सीट कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा खाली की गई थी क्योंकि उन्होंने रायबरेली सीट अपने पास रखने का विकल्प चुना था. चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद कांग्रेस ने वायनाड लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा को उतारने की घोषणा भी कर दी है. यह पहली बार है जब प्रियंका गांधी कोई चुनाव लड़ेंगी.

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2019 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने के बाद से प्रियंका गांधी को पहले भी वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए संभावित चुनौती के रूप में पेश किया गया था और साथ ही, रायबरेली के पारिवारिक गढ़ में कांग्रेस की दिग्गज सोनिया गांधी की उत्तराधिकारी के रूप में भी पेश किया गया था. हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें वायनाड से मैदान में उतारने का फैसला किया है. ऐसे में चर्चा इस बात को लेकर भी हो रही है कि कांग्रेस के इस फैसले के क्या नफा-नुकसान हो सकते हैं?

दरअसल, इस साल हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी दो सीट से मैदान में उतरे और प्रियंका गांधी ने दूरी बना ली थी. तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि अगर राहुल गांधी दोनों ही सीट से चुनाव जीत जाते हैं तो उनके इस्तीफे से रिक्त होने वाली एक सीट से प्रियंका गांधी उपचुनाव में उतर सकती हैं. हुआ भी ऐसा ही. प्रियंका गांधी वायनाड सीट से चुनाव लड़ेंगी, कांग्रेस ने ये ऐलान कर दिया है. प्रियंका के वायनाड से मैदान में उतरने पर कांग्रेस पार्टी को क्या लाभ हो सकता है?

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उत्तर और दक्षिण का बैलेंसः 

उत्तर भारत में बीजेपी मजबूत है तो वहीं पार्टी अभी भी दक्षिण में कर्नाटक को छोड़ दें तो सियासी जमीन ही तलाश रही है. ऐसे में कांग्रेस के लिए साउथ सेफ पैसेज की तरह है. राहुल गांधी ने भी पिछली बार अमेठी के साथ केरल की वायनाड सीट चुनी थी और जीते भी. इस बार जब राहुल गांधी उत्तर की एक सीट से जीत गए और उसे अपने पास रख रहे हैं तो कांग्रेस के सामने बड़ा चैलेंज था कि दक्षिण में ये संदेश न जाए कि उसे पार्टी बस स्टेपनी की तरह यूज करती है. प्रियंका को उतारने से दक्षिण के लोगों में यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस पार्टी उन्हें भी पूरी अहमियत देती है.

केरल चुनाव में मदद मिलेगीः 

कांग्रेस की अगुवाई वाला गठबंधन केरल की सत्ता से दूर है. 2021 के केरल चुनाव में भी लेफ्ट गठबंधन ने लगातार दूसरी बार सरकार चलाने का जनादेश हासिल किया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन और राहुल गांधी के वायनाड से सांसद होने का कुछ खास असर केरल चुनाव के नतीजों पर नहीं दिखा. कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रियंका गांधी के वायनाड में होने का सकारात्मक असर केरल चुनाव में देखने को मिलेगा और पार्टी को उनके यहां होने से चुनाव अभियान में भी मदद मिलेगी. 

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संसद में अच्छा वक्ताः 

प्रियंका गांधी का भले ही यह पहला चुनाव है लेकिन वह लंबे समय से रायबरेली में सोनिया गांधी और अमेठी में राहुल गांधी की चुनावी तैयारियों का जिम्मा संभालती रही हैं. प्रियंका इस बार के चुनाव अभियान में बतौर स्टार प्रचारक कांग्रेस के प्रचार अभियान में भी फ्रंट परा नजर आईं. प्रियंका गांधी ने जिस तरह से बीजेपी के हमलों को बगैर किसी कंट्रोवर्सी में आए काउंटर किया, उसे भी कांग्रेस के नजरिए से उम्मीद जगाने वाला कहा जा रहा है. अब अगर प्रियंका गांधी संसद में पहुंचती हैं तो कांग्रेस को सदन में चर्चा के दौरान अच्छी हिंदी में दमदारी से अपनी बात रखने वाला एक अच्छा वक्ता मिल जाएगा.

प्रियंका के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को क्या नुकसान? 

ऐसा भी नहीं है कि प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनावी पिच पर डेब्यू में कांग्रेस के लिए केवल लाभ ही लाभ हो. कांग्रेस को इस फैसले के नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं. प्रियंका के चुनाव लड़ने, संसद पहुंचने की स्थिति में विरोधी दलों को परिवारवाद की पिच पर कांग्रेस को घेरने का मौका मिल जाएगा. सोनिया गांधी पहले से ही राज्यसभा सांसद हैं, राहुल गांधी भी लोकसभा में होंगे और अब प्रियंका गांधी भी संसद पहुंचती हैं तो बीजेपी को परिवारवाद के मुद्दे पर हमले का एक और मौका मिल जाएगा.

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