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'बीजेपी जैसी भाषा बोलते हैं बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष', अभिषेक बनर्जी का अधीर रंजन चौधरी पर निशाना

तृणमूल कांग्रेस में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले अभिषेक बनर्जी ने बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस के रुख पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कहा कि अधीर रंजन चौधरी बंगाल में बीजेपी के सबसे बड़े एजेंट हैं.

अभिषेक बनर्जी और अधीर रंजन चौधरी अभिषेक बनर्जी और अधीर रंजन चौधरी
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 03 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 5:14 AM IST

2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर विपक्षी दल महागठबंधन की कवायद में जुटे हैं. पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में कई विपक्षी नेता जुटे. इनमें राहुल गांधी और ममता बनर्जी भी शामिल हैं. एक तरफ बैठक चल रही थी तो वहीं दूसरी ओर बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी और उनकी पार्टी पर निशाना साध रहे थे. इस पर अब टीएमसी से सांसद और ममता बनर्जी के भांजे अभिषेक बनर्जी ने बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधा है. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा है कि अधीर रंजन चौधरी बीजेपी जैसी ही भाषा बोलते हैं.

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तृणमूल कांग्रेस में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले अभिषेक बनर्जी ने बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस के रुख पर सवाल उठाया. अभिषेक बनर्जी ने कहा, "पटना में राहुल गांधी दीदी (ममता बनर्जी) के पास बैठते हैं और कहते हैं कि हम साथ मिलकर लड़ेंगे, जबकि यहां बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी सुवेंदु अधिकारी (बीजेपी नेता) और सुकांत मजूमदार जैसी ही भाषा बोलते हैं."

बनर्जी ने आगे कहा कि अधीर रंजन चौधरी बंगाल में बीजेपी के सबसे बड़े एजेंट हैं. उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस नेता ने कभी किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुवेंदु अधिकारी या बीजेपी पर हमला क्यों नहीं किया.

अभिषेक बनर्जी ने मालदा में एक रैली में कहा, "वह बीजेपी के सबसे बड़े एजेंट हैं. उन्हें दादा (बीजेपी) की पुलिस, दीदी की पुलिस के बजाय केंद्रीय सुरक्षा पसंद है. क्या आप लोगों ने कभी अधीर चौधरी को सुवेंदु अधिकारी की आलोचना करते देखा है? क्या लोगों ने कभी बीजेपी को प्रेस वार्ता में अधीर की आलोचना करते देखा है? नहीं" 

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उन्होंने आगे कहा कि पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों को नामांकित करते समय वाम, कांग्रेस और भाजपा के बीच आपसी सहमति थी क्योंकि क्षेत्रों में वे एक-दूसरे का समर्थन करते देखे गए हैं. हालांकि, यह तृणमूल-कांग्रेस ही थी जिसने बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल किया और उसकी किसी अन्य पार्टी के साथ कोई 'सेटिंग' नहीं है.

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