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पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के इकलौते विधायक बायरन बिस्वास टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए हैं. इसके बाद विपक्षी एकता में दरार बनती दिख रही है. कांग्रेस ने कहा कि इस तरह का अवैध शिकार विपक्षी एकता को मजबूत नहीं करेगा. यह केवल भाजपा के उद्देश्यों को पूरा करता है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस विधायक चुने जाने के तीन महीने बाद बायरन बिस्वास को टीएमसी ने लुभा लिया है. यह सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के जनादेश के साथ पूर्ण विश्वासघात है.
वहीं सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि क्षेत्रीय दलों की कुछ मजबूरी होती है. जयराम रमेश के बयान पर उन्होंने कहा,'हम राष्ट्रीय स्तर पर एकसाथ हैं, लेकिन इन्हें समझना चाहिए है कि राज्य के दलों का अपना अलग दायित्व होता है. हमने सिर्फ मेघालय और गोवा में चुनाव लड़ा. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने गुजरात ,छ्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में इलेक्शन लड़ा, लेकिन हमने कुछ नहीं किया. हमने उनका समर्थन किया. अब इस पर मुझे कुछ नहीं कहना.''
बिस्वास पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की सागरदिघी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. इस सीट पर उन्हें वाम दलों का समर्थन भी मिला था, जिसके चलते ही उन्होंने टीएमसी के प्रत्याशी को भारी अंतर से हराने में कामयाबी हासिल की थी.
बायरन बिस्वास का इस समय टीएमसी ज्वाइन करना इसलिए भी अहम है, क्योंकि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी सार्वजनिक तौर पर कह चुकी हैं कि बंगाल में कांग्रेस तृणमूल का सहयोग करे. इसके बदले में TMC देशभर की 200 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का समर्थन करने के लिए तैयार है.
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद ममता बनर्जी ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने की बात कही थी. ममता ने कहा था कि TMC उन राज्यों में कांग्रेस का समर्थन करने को तैयार है, जहां वे (कांग्रेस) मजबूत हैं. इसके अलावा ममता ने कहा था कि कांग्रेस को बंगाल जैसे राज्यों में TMC की मदद करनी होगी.
दरअसल, TMC प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के आम चुनाव का फॉर्मूला तय करने के लिए सभी विपक्षी दलों के बीच बातचीत शुरू करना चाहती हैं. राज्य सचिवालय नबन्ना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, 'मैं कोई जादूगर नहीं हूं, न ही ज्योतिषी. मैं नहीं कह सकती कि भविष्य में क्या होगा. लेकिन मैं आपको एक बात बता सकती हूं, जहां क्षेत्रीय पार्टी मजबूत हैं, वहां बीजेपी नहीं लड़ सकती है. और जहां लोग निराश हैं, वहां भी. कर्नाटक में डाला गया वोट बीजेपी सरकार के खिलाफ एक जनादेश है.'
ममता बनर्जी ने आगे कहा था कि जिन सीटों पर कांग्रेस पार्टी मजबूत है, वहां वो भाजपा से लड़ सकती है. उन्होंने कहा था, 'मजबूत पार्टी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और जहां भी कांग्रेस पार्टी मजबूत है उन्हें लड़ने दो, हम समर्थन देंगे. लेकिन इसके लिए कांग्रेस को भी दूसरी पार्टियों का समर्थन करना होगा.'