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'पदयात्रा से बीजेपी बेचैन और परेशान, नफरत नहीं खुशी हमारी ताकत', बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि इस पदयात्रा ने बीजेपी को झकझोर दिया है. बीजेपी बेचैन और परेशान है. हम सभी के दिलों से डर को दूर करना चाहते हैं. आप सभी देश को दिखा सकते हैं कि एक साथ काम करने का क्या मतलब और क्या ताकत होती है. लोगों का प्रेम और उनके चेहरे की खुशी ही हमारी ताकत है.

सभा को संबोधित करते राहुल गांधी सभा को संबोधित करते राहुल गांधी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के तहत राहुल गांधी ने तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश को कई लक्ष्य हासिल करने करने हैं. हमें लाखों लोगों के दर्द और परेशानियों को कम करना है. ये आसान काम नहीं है. हमें देश को प्यार देना होगा. बीजेपी पर हमला करते हुए राहुल ने कहा कि क्रोध और नफरत से ये कभी संभव नहीं होगा. देश के सभी नागरिक भारतीय हैं. किसी इंसान से नफरत करने का मतलब देश से नफरत करना है. यात्रा के दौरान मिल रहा लोगों का प्रेम और उनके चेहरे की खुशी ही हमारी ताकत है, हमारी ऊर्जा है.

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राहुल ने कहा कि हम उन लाखों लोगों के सपनों को पूरा करने के संकल्प के साथ बढ़े हैं जो अपने बच्चों को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं. हम सभी के दिलों से डर को दूर करना चाहते हैं. आप सभी देश को दिखा सकते हैं कि एक साथ काम करने का क्या मतलब और क्या ताकत होती है. अगर भारत को सफल होना है और जिम्मेदार होना है तो ऐसा हिंसा से कभी नहीं हो सकता. हिंसा से नहीं कर सकता. 

'पदयात्रा से बीजेपी परेशान'
राहुल ने कहा कि अब तक हमने 100 किलोमीटर की दूरी पूरी कर ली है. पदयात्रा ने बीजेपी को झकझोर दिया है. बीजेपी बेचैन और परेशान है. कांग्रेस पार्टी पहले ही 100 गुना तरोताजा हो चुकी है. 

'घर-घर पहुंच रहा एकजुटता का संदेश'
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि लोगों के उत्साह के कारण यात्रा के छठे दिन भी किसी के चेहरे पर थकान नहीं दिख रही. देश को एकजुट रखने का जो संदेश लेकर हम आगे बढ़े हैं, वह घर-घर पहुंच रहा है.

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यात्रा 17 सितंबर को अलाप्पुझा पहुंचेगी. 21 और 22 सितंबर को एर्नाकुलम जिले से गुजरते हुए 23 सितंबर को त्रिशूर पहुंचेगी. इसके बाद पदयात्रा 26 और 27 सितंबर को पलक्कड़ से होकर 28 सितंबर को मलप्पुरम में प्रवेश करेगी. यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी. 3,750 किमी और 150 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा कन्याकुमारी से जम्मू और कश्मीर तक जाएगी.

 

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