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यूपी: विधायक का चुनाव हारे, फिर बने BJP के 'संकट मोचक'... नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी कौन?

भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh chaudhary) को भारतीय जनता पार्टी ने यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी के सियासी समीकरण को साधने के लिए बीजेपी ने यह गणित बैठाया है. चौधरी बीजेपी संगठन के मंजे हुए नेता माने जाते हैं और संघ के पृष्ठभूमि से आए हैं. अब उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान जाट समुदाय से आने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी को सौंप दी गई है.

भूपेंद्र सिंह चौधरी (फाइल फोटो) भूपेंद्र सिंह चौधरी (फाइल फोटो)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

Bhupendra Singh chaudhary News: उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान जाट समुदाय से आने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी को सौंप दी गई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी के सियासी समीकरण को साधने के लिए शीर्ष बीजेपी ने योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. चौधरी बीजेपी संगठन के मंजे हुए नेता माने जाते हैं और संघ के पृष्ठभूमि से आए हैं. जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर चौधरी ने अपना सियासी सफर शुरू किया और अब बीजेपी प्रदेश संगठन का जिम्मा संभालेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि भूपेंद्र सिंह चौधरी कौन हैं, जो 2024 के चुनाव में पीएम मोदी के यूपी में सेनापति होंगे? 

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भूपेंद्र सिंह चौधरी पश्चिमी यूपी के मुस्लिम बहुल मुरादाबाद जिले के एक छोटे से गांव महेंद्री सिकंदरपुर से आते हैं. साल 1968 में चौधरी का जन्म हुआ है और उन्होंने शुरुआती शिक्षा स्थानीय स्कूल में हासिल की. पढ़ाई के दौरान वह आरएसएस से जुड़ गए थे और साल 1989 में बीजेपी की सदस्यता ली. मुरादाबाद जिला बीजेपी संगठन में विभिन्न जिम्मेदारी निभाते हुए जिला अध्यक्ष और अब प्रदेश के पद का जिम्मा वह संभालेंगे. 

बीजेपी में शामिल होने के बाद भूपेंद्र सिंह चौधरी 1993 में मुरादाबाद जिला कार्य समिति में सदस्य बनाए गए. इसके बाद 1994 में जिला कार्यकारिणी के कोषाध्यक्ष बने और फिर 1995 में जिला महामंत्री. 1996 से 2000 तक बीजेपी जिलाध्यक्ष रहे. साल 2000 में ओबीसी विभाग के संयोजक बने और 2007 में क्षेत्रीय मंत्री का जिम्मा उनको सौंपा गया. पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय मंत्री के तौर पर रुहेलखंड के इलाके में बीजेपी को मजबूत करने में उन्होंने भूमिका अदा की. 

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विधायक का चुनाव नहीं जीत सके

भूपेंद्र सिंह चौधरी पहली बार साल 2009 में विधानसभा का चुनाव लड़े. बीजेपी ने उन्हें पश्चिमी मुरादाबाद सीट से उपचुनाव में उतारा था, लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके. ऐसे में बीजेपी ने उन्हें संगठन के कार्य में लगाए रखा. साल 2010 से लेकर 2018 तक चार बार बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे. उनके नेतृत्व में 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया. 

विधान परिषद सदस्य बने

बीजेपी ने भूपेंद्र सिंह चौधरी के पार्टी के प्रति समपर्ण को देखते हुए साल 2016 में विधान परिषद सदस्य बनाकर यूपी के उच्च सदन में भेजा. 2017 में पश्चिमी यूपी में जाट समुदाय में अहम रोल अदा करने के चलते उनको योगी सरकार के मंत्री मंडल में शामिल किया गया. 2022 में योगी सरकार दोबारा बनी तो उन्हें दोबारा से कैबिनेट मंत्री बनाया गया. इसके बाद 2022 में उन्हें दोबारा विधान परिषद भेजा गया है.

संकट मोचक की भूमिका

बीजेपी के लिए भूपेंद्र सिंह चौधरी संकट मोचक की भूमिका भी अदा करते नजर आए. बीजेपी के जाट नेता के तौर पर उन्हें हरियाणा के चुनाव में जिम्मेदारी दी गई, तो उन्होंने उसे अदा किया. इसके बाद किसान आंदोलन के दौरान जाट की नाराजगी को दूर करने के लिए भी पश्चिमी यूपी में मोर्चा संभाल रखा था. 2022 विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन को लेकर जाट मतदाताओं में नाराजगी होने की आशंका जताई जा रही थी, तब जाटलैंड को साधने में भूपेंद्र चौधरी ने अहम भूमिका निभाई. चुनाव में अधिकांश समय उन्होंने पश्चिमी के जाट बाहुल्य क्षेत्रों में बिताया और अभी हाल ही में रामपुर उपचुनाव की जीत में उनकी अहम भूमिका रही है.

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