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'बैराज और बांध का अंतर पता नहीं और...', दिल्ली की मंत्री पर बांसुरी स्वराज का वार

बांसुरी स्वराज ने हाल ही में सक्रिय राजनीति में एंट्री ली है. उन्हें भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रदेश बीजेपी में लीगल सेल का सह-संयोजक (Co-Convenor) नियुक्त किया है. उन्हें संगठन में यह पहली नियुक्ति मिली है. ऐसे में अब उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सरकार में मंत्री अतिशी पर निशाना साधा. 

अतिशी और बांसुरी स्वराज (फाइल फोटो) अतिशी और बांसुरी स्वराज (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज अपनी मां की सियासी विरासत को संभालने की कोशिश में जुट गई हैं. उन्होंने रविवार को दिल्ली में बाढ़ के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को घेरा. इस दौरान बांसुरी स्वराज अपनी मां सुषमा स्वराज की शैली और अंदाज में ही केजरीवाल सरकार पर तीखे वार करती नजर आईं. इस वीडियो में उनका अंदाज देखकर कई बीजेपी नेताओं ने उनकी तारीफ भी की और कहा कि उन्होंने सुषमा स्वराज की याद दिला दी. 

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दरअसल, दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हैं. कई इलाकों में कमर तक जलभराव हो गया. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रहे हैं. तो वहीं केजरीवाल सरकार इसके लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. दिल्ली सरकार का कहना है कि हरियाणा सरकार हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ रही है. इसी वजह से दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है.

बांसुरी स्वराज ने अतिशी पर साधा निशाना

बांसुरी स्वराज ने हाल ही में सक्रिय राजनीति में एंट्री ली है. उन्हें भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रदेश बीजेपी में लीगल सेल का सह-संयोजक (Co-Convenor) नियुक्त किया है. उन्हें संगठन में यह पहली नियुक्ति मिली है. ऐसे में अब उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सरकार में मंत्री अतिशी पर निशाना साधा. 

 

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उन्होंने कहा, माननीय मंत्री अतिशी जी ऑक्सफोर्ड से पढ़ी हैं. वे स्कॉलर हैं. इतनी पढ़ाई के बावजूद वे डैम और बराज का अंतर नहीं जानती. शायद वे नदी और नहर का अंतर नहीं जानती. हथिनी कुंड बैराज है, यह डैम नहीं है. हथिनीकुंड का काम है पानी की दिशा को एक हद तक काबू करना. इसके पीछे पानी को इकट्ठा करने की कोई व्यवस्था नहीं है. जो बांध में किया जा सकता है. हथिनी कांड में दो कैनाल हैं. ईस्टर्न कैनाल से यूपी और वेस्टर्न कैनाल से दिल्ली की ओर पानी जाता है. ईस्टर्न कैनाल की मैक्सिमम कैपेसिटी 4-6 हजार क्यूसेक लीटर है. वहीं, हरियाणा और दिल्ली की ओर जाने वाली कैनाल की क्षमता है 18 हजार क्यूसेक लीटर. 

सेंट्रल वाटर कमीशन की गाइडलाइन के मुताबिक, अगर पानी 1 लाख क्यूसेक लीटर से ज्यादा है, तो दोनों कैनाल (नहरों) को बंद करके पानी यमुना में छोड़ना पड़ेगा. बांसुरी स्वराज ने AAO नेताओं द्वारा शेयर किए जा रहे उस वीडियो पर सवाल उठाए, जिसमें दावा किया गया था कि यूपी की तरफ जा रही नहर में हरियाणा से पानी नहीं छोड़ा जा रहा, जबकि यमुना में पानी छोड़ा जा रहा है. 

 

 

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