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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कितना फायदा पहुंचाएगा ब्रांड मोदी?

देश के 59 फीसदी लोग पीएम मोदी के कामकाज से संतुष्ट है. ऐसे में बीजेपी यूपी, पंजाब सहित पांच राज्यों के चुनाव में ब्रांड मोदी के सहारे उतरती है तो विपक्ष के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 21 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST
  • देश में पीएम नरेंद्र मोदी की सबसे ज्यादा लोकप्रिय
  • बीजेपी को पीएम मोदी के नाम पर मिलता रहा लाभ
  • विपक्ष के नेता भी मोदी को निशाने पर लेने से बच रहे

उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मियां तेज हैं. देश के जिन पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, उनमें से चार राज्यों में बीजेपी की सरकार है जबकि पंजाब में कांग्रेस सत्ता में है. बीजेपी लिए यह चुनाव काफी अहम माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी अगर ब्रांड मोदी के सहारे चुनावी जंग में उतरती है तो उसे बड़ा सियासी फायदा मिल सकता है. 

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इंडिया टुडे और सी वोटर ने मिलकर एक सर्वे किया और देश के मिजाज को जाने की कवायद की है. सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सबसे पहली पसंद बनकर उभरे हैं और दूसरे नंबर पर सोनिया गांधी हैं. कोरोना की दूसरी लहर और किसानों के साल भर के विरोध के बावजूद पीएम मोदी सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं. इतना ही नहीं पीएम मोदी के काम से भी लोग काफी खुश है. यही वजह है कि बीजेपी पांच राज्यों के चुनाव में भी मोदी के नाम और काम को भुनाने में जुटी है. 

साल में दो बार इंडिया टुडे देश का मिजाज जानने के लिए सी वोटर के साथ मिलकर सर्वे करता है, जिसमें बीते साल अगस्त में जहां 53 फीसदी लोग पीएम मोदी के कामकाज से संतुष्ट थे तो 17 फीसदी लोग असंतुष्ट मिले थे. वहीं, इस बार जनवरी के माह में हुए सर्वे में आंकड़ों में तब्दीली आई है और पिछली बार से ज्यादा लोग मोदी के काम से सहमत दिख रहे हैं. पीएम मोदी की परफॉरमेंस से 59 फीसदी लोग संतुष्ट हैं जबकि 26 फीसदी लोग असंतुष्ट मिले. 

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देश में अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो पीएम मोदी के चेहरे पर एनडीए के खाते में 296 सीटें मिल सकती हैं. यूपीए के खाते में 126 सीटें तो अन्य के पास 120 सीटें जाने का अनुमान है. पीएम के रूप में अभी भी सबसे ज्यादा 53 फीसदी के साथ नरेंद्र मोदी के साथ खड़े दिख रहे हैं. यह तब है जब मोदी प्रधानमंत्री के रूप में अपना 8 साल का सफर पूरा करने जा रहे हैं और देश में अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है. इसके बाद भी वह पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी जैसी हस्तियों से ज्यादा लोकप्रिय प्रधानमंत्री बने हुए हैं. इससे देश में ब्रांड मोदी की सियासी अहमियत को समझा जा सकता है. 

बीजेपी 2014 के बाद से पीएम मोदी को आगे करके ही चुनावी मैदान में उतरती रही है, जिसका उसे सियासी फायदा भी मिला है. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने किसी भी क्षेत्रीय नेता को सीएम के चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया था बल्कि मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा था और प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की थी. कांग्रेस ने 2017 में गुजरात में लगभग एक आश्चर्यजनक उलटफेर करती नजर आ रही थी. ऐसे में पीएम मोदी ने आखिरी समय में चुनाव प्रचार में उतरकर गुजरात में बीजेपी को बचाया था. 

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बीजेपी ने जिन राज्यों में अपने मौजूदा सीएम के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ा तो उसे बहुत ज्यादा सियासी फायदा नहीं मिल सका. इसीलिए बीजेपी मोदी के नाम और काम पर ही चुनावी मैदान में ताल ठोकती नजर आती है. MOTN के सर्वे में जिस तरह से पीएम मोदी की लोकप्रियता अभी भी देश में बरकरार है, उसे देखते हुए बीजेपी पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में ब्रांड मोदी के सहारे उतरती है तो विपक्ष के लिए कड़ी चुनौती होगी. यह बात विपक्षी के नेता भी बेहतर समझ रहे हैं, तभी तो पीएम मोदी को निशाने पर लेने के बजाय मौजूदा सीएम और क्षेत्रीय नेताओं को टारगेट कर रहे हैं.  

इंडिया टुडे और सी वोटर के सर्वे के मुताबिक आज अगर देश में लोकसभा चुनाव हो तो यूपी की 80 संसदीय सीटें के नतीजे को देखें तो बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए को 67 सीटें मिलती नजर आ रही हैं जबकि सपा को 10 सीटें, बसपा को 2 सीटें और कांग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान है. इससे साफ समझा जा सकता है कि मोदी की लोकप्रियता यूपी में पूरी तरह से बरकरार है. इस बात को सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी बाखूबी समझ रहे हैं तभी तो वो पीएम मोदी को टारगेट करने के बजाय सीएम योगी आदित्यनाथ को अपने निशाने पर ले रहे हैं. 

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हालांकिं, बीजेपी की कोशिश है कि यूपी का चुनाव किसी भी तरह से मोदी बनाम अखिलेश हो जाए, लेकिन सपा उसे योगी बनाम अखिलेश के इर्द-गिर्द ही रखे हुए हैं. ऐसे ही उत्तराखंड में कांग्रेस नेता हरीश रावत के निशाने पर सीएम पुष्कर धामी है. रावत खुलकर कहते हैं कि विधानसभा का चुनाव है, जो क्षेत्रीय नेताओं और मुद्दों पर है. ऐसे में लोकसभा चुनाव होगा तो पीएम मोदी को देखेंगे. 

दरअसल, बीजेपी को ब्रांड मोदी के सियासी ताकत की समझ है और उसे पता है कि मोदी के नाम व काम पर विधानसभा चुनाव में उतरकर विपक्ष को राजनीतिक मात दे सकती है. MOTN के सर्वे में जिस तरह से पीएम मोदी की लोकप्रियता है और उसे बीजेपी राज्यों के चुनाव में पूरी तरह से भुनाने की कोशिश जरूर करेगी तो सत्ता वापसी की राह उसकी आसान हो सकती है. इसकी वजह यह है कि मोदी को चुनावी रुख बदलने के लिए भी जाना जाता है. 


 

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