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मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए BJP उम्मीदवारों की पहली लिस्ट के चार बड़े संदेश

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए अभी चुनाव कार्यक्रम का ऐलान भी नहीं हुआ है कि बीजेपी ने 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट के चार बड़े संदेश क्या हैं?

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
बिकेश तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 6:36 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी केंद्रीय कमेटी की 16 अगस्त को बैठक हुई थी. इस बैठक के 24 घंटे के भीतर बीजेपी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए 60 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में मध्य प्रदेश की 39 और छत्तीसगढ़ की 21 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम हैं.

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बीजेपी की पहली लिस्ट को चुनावी तैयारियों में आगे नजर आने की रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो संदेश जारी कर इस तरफ इशारा भी किया है. सीएम शिवराज ने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा है कि कांग्रेस कह रही थी- एक साल पहले उम्मीदवार घोषित करेंगे, छह महीने पहले उम्मीदवार घोषित करेंगे. बीजेपी मैदान में है और युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी है. हमने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. बीजेपी की इस लिस्ट के बड़े संदेश क्या हैं?

मुश्किल सीटों पर अधिक फोकस

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी के चुनाव अभियान की कमान खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है. अमित शाह लगातार दोनों राज्यों के दौरे कर रहे हैं, बैठकें कर रहे हैं और जमीनी हकीकत की जानकारी ले रहे हैं. लोकसभा चुनाव भी बहुत करीब है, ऐसे में पार्टी हिंदी पट्टी के इन राज्यों के चुनाव में किसी भी तरह की कोई ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है.

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राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि मुश्किल मानी जा रही सीटों पर उम्मीदवारों का इतना पहले ऐलान कर बीजेपी ने संदेश दे दिया है कि वह वॉकओवर नहीं देने वाली. उसका फोकस ऐसी सीटों पर अधिक है. इससे उम्मीदवार को भी तैयारी के लिए अधिक वक्त मिल सकेगा. एक वजह ये भी है कि मुश्किल सीटों पर टिकट के दावेदार कम होते हैं और फैसले लेना आसान हो जाता है. ये सीटें कांग्रेस के लिए फेवरेबल हैं और उसके लिए एंटी इनकम्बेंसी से लेकर गुटबाजी तक, कई चुनौतियां होंगी.

उम्मीदवार चयन में भी माइक्रो मैनेजमेंट

बूथ मैनेजमेंट में माहिर मानी जाने वाली बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में भी माइक्रो मैनेजमेंट की झलक नजर आ रही है. बीजेपी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, दोनों ही राज्यों में सबसे पहले सीटों को चार कैटेगरी में बांटा- ए, बी, सी और डी. पार्टी ने सबसे पहले मुश्किल सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन किया. इसमें भी संबंधित सीट के तमाम पहलुओं का, समीकरणों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगाई. बीजेपी ने सामान्य सीटों पर भी एससी-एसटी और ओबीसी चेहरों पर दांव लगाया है.

बड़े नेताओं को उनकी सीट पर घेरने की रणनीति

बीजेपी ने पहली लिस्ट के जरिए ये संदेश भी दे दिया है कि पार्टी किसी भी सीट पर विपक्षी दल को वॉकओवर नहीं देने वाली. पार्टी ने छत्तीसगढ़ की पाटन सीट पर फैमिली कार्ड चल दिया है जहां से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद विधायक हैं. बीजेपी ने सीएम बघेल के खिलाफ उनके ही भतीजे और सांसद विजय बघेल को चुनाव मैदान में उतार दिया है. मध्य प्रदेश की बात करें तो बीजेपी ने इंदौर की राऊ विधानसभा सीट से जीतू पटवारी के खिलाफ मधु वर्मा को उतारा है. बीजेपी के इस दांव से साफ है कि पार्टी की रणनीति बड़े नेताओं को उनकी ही सीट पर घेरने की है.

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आदिवासी और ओबीसी को अहमियत

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट में आदिवासी और ओबीसी को तरजीह मिली है. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाशचंद्र होता ने कहा कि बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में संदेश साफ है कि आदिवासी और ओबीसी को महत्व दिया जाएगा. रामविचार नेताम और विजय बघेल जैसे नेताओं को चुनाव मैदान में उतारकर पार्टी ने साफ कर दिया है कि रणनीति क्या होगी. आदिवासी वोट टीएस सिंहदेव की ताकत माने जाते हैं और बीजेपी ने उनके खिलाफ नेताम जैसे आदिवासी चेहरे को आगे कर कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है.

 

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