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'MP के 40% वनों को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी', कांग्रेस का आरोप; BJP ने कहा- झूठ बोलकर सनसनी फैलाना इनका एजेंडा

आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार 40 प्रतिशत वनों का निजीकरण करने जा रही है. सरकार का कहना है कि ये वन बर्बाद हो गए हैं, इसलिए वे इन्हें निजी कंपनियों को देंगे ताकि वे इनका विकास कर सकें. लेकिन जो बात छिपाई जा रही है वह यह है कि आदिवासी इन जंगलों में बसे हुए हैं, या तो उनके पास इन जंगलों में चारागाह हैं

नई दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में विक्रांत भूरिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस. नई दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में विक्रांत भूरिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस.
नीरज चौधरी
  • नई दिल्ली/भोपाल ,
  • 03 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 6:59 PM IST

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर 40 प्रतिशत वनों को निजी हाथों में सौंपने की योजना बनाने का आरोप लगाया है. पार्टी का दावा है कि इसका मकसद आदिवासियों को उनके प्राकृतिक आवास से बेदखल करना है. नवनियुक्त आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने बीजेपी पर आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर करने और उनकी जमीनें छीनने का इल्ज़ाम लगाया. वहीं, एमपी बीजेपी ने इसे कांग्रेस का झूठा प्रचार करार देते हुए पलटवार किया है. हालांकि, भूरिया ने अपने दावों के बारे में विस्तार से नहीं बताया.

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नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विक्रांत भूरिया ने कहा, "आदिवासी इस देश के मूल निवासी हैं. 12 करोड़ की आबादी वाले आदिवासियों का इस देश पर सबसे ज्यादा हक है, लेकिन उनके अधिकार छीने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार 40 प्रतिशत वनों का निजीकरण करने जा रही है. सरकार का तर्क है कि ये जंगल बर्बाद हो गए हैं, इसलिए इन्हें निजी कंपनियों को देकर विकसित किया जाएगा. लेकिन असल मंशा आदिवासियों को जंगलों से हटाना है, जहां उनकी कृषि भूमि और चारागाह हैं."

भूरिया ने पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम (पेसा) का हवाला देते हुए कहा, "इसका लक्ष्य अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासन को मजबूत करना है. ग्राम सभाओं की सहमति के बिना कोई काम नहीं हो सकता, लेकिन आज आदिवासियों से सलाह तक नहीं ली जा रही. खनन के नाम पर उनकी जमीनें छीनी जा रही हैं और विरोध करने वालों को जेल में डाला जा रहा है." उन्होंने वन अधिकार अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा कि वन समितियाँ आदिवासियों को पट्टा दे सकती हैं, लेकिन हकीकत में उन्हें कोई अधिकार नहीं मिल रहा.

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BJP का पलटवार
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष उषा अग्रवाल ने कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए कहा, "झूठ बोलकर सनसनी फैलाना और मध्य प्रदेश को बदनाम करना कांग्रेस का मुख्य एजेंडा है. विक्रांत भूरिया मध्य प्रदेश में दिखते नहीं, दिल्ली में बैठकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं. भाजपा ने 'पेसा एक्ट' लागू कर आदिवासियों को अधिकार दिए. रानी कमलापति से बिरसा मुंडा तक को सम्मान देने का काम हमारी सरकार ने किया. आदिवासी माताओं, बहनों और बुजुर्गों के लिए सबसे ज्यादा योजनाएं भाजपा ने ही शुरू कीं. कांग्रेस ने सिर्फ भावनात्मक शोषण किया."

विवाद की पृष्ठभूमि
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया ने अपने दावों को विस्तार से नहीं बताया, जिसे बीजेपी ने उनके बयान की कमजोरी बताया. दूसरी ओर, कांग्रेस का कहना है कि वन निजीकरण की नीति से आदिवासी समुदाय पर संकट गहराएगा. यह मुद्दा मध्य प्रदेश की सियासत में नया तनाव पैदा कर सकता है.

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