
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत INDIA गठबधन के कई नेताओं ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उनके फोन को हैक करने की कोशिश हो रही है. इन नेताओं ने Apple से मिले अलर्ट के हवाले से ये आरोप लगाया है. वहीं, बीजेपी ने अब विपक्ष पर पलटवार करते हुए इसका 'जॉर्ज सोरोस' कनेक्शन निकाला है. सोरोस अमेरिकी अरबपति हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े आलोचक हैं. वे भारत के मुद्दों पर दखल देकर मोदी सरकार को घेरते रहे हैं.
बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर Apple अलर्ट का 'जॉर्ज सोरोस' कनेक्शन निकाला है. उन्होंने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, यह कथित तौर पर सिर्फ विपक्षी नेताओं को Apple से मिले अलर्ट का जॉर्ज सोरोस द्वारा फेडेड 'Access Now' से कनेक्शन दिखाता है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी सब कुछ छोड़कर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए क्यों दौड़ पड़े. यहां पूरी साजिश देखिए.
दरअसल, अमित मालवीय ने जिस ट्वीट को रिट्वीट किया है कि उसमें बताया गया है कि Apple के अलर्ट में जिस http://Accessnow.org को डिजिटल सिक्योरिटी हेल्पलाइन के रूप में दिखाया गया है, उसका जॉर्ज सोरोस से क्या कनेक्शन है?
विपक्षी दिग्गजों के फोन में सेंधमारी? Apple से मिले अलर्ट पर बोली सरकार- एल्गोरिदम गड़बड़ हो गया है!
क्या है मामला?
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया था कि उन्हें Apple से अलर्ट आया है कि उनके फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश हो रही है. महुआ के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी Apple से मिले अलर्ट का स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए फोन हैक करने का आरोप लगाया. महुआ ने दावा किया कि आप सांसद राघव चड्ढा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, राहुल गांधी के दफ्तर के फोन पर भी ये अलर्ट आया है.
Apple ने दी सफाई
इस अलर्ट को लेकर Apple कंपनी ने कहा कि वे किसी भी तरह के स्टेट स्पांसर्ड अटैक की सूचना नहीं देते हैं. कंपनी का कहना है कि यह संभव है कि Apple के अलर्ट गलत हो सकते हैं. कंपनी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि राज्य-प्रायोजित हमलावरों को अच्छी तरह से वित्तीय सहायता मिलती है. वह ऐसे हमले समय-समय पर करते रहते हैं. इस तरह के अटैक की जानकारी हासिल करना खुफिया इनपुट पर निर्भर करता है. Apple ने कहा था कि वह इस अलर्ट के पीछे का कारण बताने में असमर्थ है.
सरकार ने क्या कहा?
केंद्रीय संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने Apple के जवाब पर कहा था कि कंपनी की ओर से दी गई जानकारी पूरी तरह से अस्पष्ट लगती है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार इस मामले की तह तक सरकार जाएगी. उन्होंने कहा, देश में कुछ लोगों को शिकायत करने की आदत है.
जॉर्ज बुश को हटाने की जिद पर खर्चे थे करोड़ों डॉलर, अब निशाने पर PM मोदी... कौन हैं जॉर्ज सोरोस?
कौन हैं जॉर्ज सोरोस?
- जॉर्ज सोरोस का जन्म 1930 में हंगरी के बुडापेस्ट में हुआ था. 1956 में वो लंदन से अमेरिका आ गए. यहां आकर उन्होंने फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कदम रखा और अपनी किस्मत बदली. 1973 में उन्होंने 'सोरोस फंड मैनेजमेंट' लॉन्च किया. उनका दावा है कि अमेरिकी इतिहास में उनका फंड सबसे बड़ा और कामयाब इन्वेस्टर है.
- सोरोस खुद को जरूरतमंदों की मदद करने वाला बताते हैं. उनकी वेबसाइट पर दावा किया है कि सोरोस अब तक अपनी पर्सनल वेल्थ से 32 अरब डॉलर जरूरतमंदों की मदद के लिए दे चुके हैं. वो ओपन सोसायटी फाउंडेशन चलाते हैं.
- जॉर्ज सोरोस अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के सबसे बड़े आलोचक रहे हैं. उन्होंने 2003 में ऐलान कर दिया था कि जॉर्ज डब्ल्यू बुश को सत्ता से हटाना उनका मकसद है.
- इतना ही नहीं, सोरोस अमेरिका के भी कट्टर आलोचक रहे हैं. 9/11 के हमले के बाद अमेरिका ने जब आतंकवाद के खिलाफ जंग की शुरुआत की तो सोरोस ने इसकी भी आलोचना की. सोरोस ने एक इंटरव्यू में कहा, 'अमेरिका दुनिया के लिए एजेंडा सेट करता है और वो चाहता है कि दुनिया उसके हिसाब से चले. 11 सितंबर के बाद जब आपने आतंकवाद के खिलाफ जंग का ऐलान किया तो आपने गलत एजेंडा सेट कर दिया, क्योंकि जब आप जंग छेड़ते हैं तो आप निर्दोषों को शिकार बनाते हैं.'
- सोरोस पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप लगता रहता है. सोरोस ने 2020 में नरेंद्र मोदी, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम दुनिया के तानाशाह के तौर पर बताया था.