
देश में अगले साल लोकसभा चुनाव हैं. ऐसे में बीजेपी ने हर वर्ग के साथ मुस्लिमों को भी लुभाने की रणनीति बनाई. इसके लिए बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा मुस्लिम वोटरों तक पार्टी की पहुंच बढ़ाने के लिए सूफी संवाद महाअभियान चलाएगा. यह अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा. इसके तहत बीजेपी के मुस्लिम नेता, केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री ईद के बाद कव्वाली सुनने दरगाह जाएंगे और कव्वाली के जरिए पीएम मोदी और बीजेपी की नीतियों का प्रचार किया जाएगा.
सूफी दरगाहों को मानने वाले मुसलमानों को समझाया जाएगा कि बीजेपी सरकार की सभी योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के मुसलमानों को दिया जा रहा है. इसकी शुरुआत यूपी से होगी. यहां निकाय चुनाव के बाद प्रदेश के हर शहर की मुख्य दरगाह में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. सभी राज्यों के अल्पसंख्यक मोर्चा के सभी पदाधिकारियों से सूफी दरगाहों और उनके खादिमों की सूची मांगी गई है. इस अभियान के अलावा बीजेपी ने कई और पहल की हैं, जिसके जरिए बीजेपी यह संदेश देना चाहती है कि मुसलमान भी उसके केंद्र में हैं.
कर्नाटक के शाह रशीद अहमद को पद्म श्री का सम्मान
कर्नाटक के बिदरी कलाकार शाह रशीद अहमद कादरी को 5 अप्रैल को पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान मिलने के बाद कादरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान कहा- उन्हें लगता था कि बीजेपी सरकार से उन्हें कभी यह प्रतिष्ठित सम्मान नहीं मिलेगा, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें गलत साबित कर दिया. मैं यूपीए सरकार में पद्म पुरस्कार मिलने की उम्मीद कर रहा था लेकिन मुझे नहीं मिला. जब आपकी सरकार आई, मुझे लगा कि बीजेपी सरकार मुझे कभी पुरस्कार नहीं देगी, लेकिन आपने मुझे गलत साबित कर दिया. मैं आपका आभारी हूं. शाह रशीद अहमद कादरी को कर्नाटक का शिल्प गुरु भी कहा जाता है. वह पांच सौ साल पुरानी बीदरी कला को जीवंत रखे हुए हैं. वह दुनियाभर में अपनी कृतियों का प्रदर्शन कर चुके हैं. दरअसल बीदरी एक लोककला है. कर्नाटक में अगले महीने 10 मई को चुनाव हैं.
यूपी के मदरसों में 'मन की बात' का उर्दू अनुवाद बांटेगी बीजेपी
बीजेपी अब यूपी में मदरसों और इस्लामिक विद्वानों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो संबोधन 'मन की बात' का उर्दू में अनुवाद का संकलन बांटेगी. यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने पिछले दिनों पीटीआई को बताया था कि पीएम मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम के 12 एपिसोड का उर्दू में अनुवाद किया गया है. इसे एक किताब के रूप में प्रकाशित किया जाएगा. इस किताब को एक लाख लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य है. यूपी में नगर निकाय के चुनाव होने हैं.
मुस्लिमों पर गलत बयानबाजी से पीएम ने रोका
बीजेपी अपना मुस्लिम वोट बैंक बढ़ाना चाहती है, इसलिए इस साल की शुरुआत में बीजेपी ने जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की थी तो बैठक के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना 2024 लोकसभा चुनाव का एजेंडा साफ कर दिया था. उन्होंने स्पष्ट कहा था कि चुनाव में 400 दिन बचे हैं, ऐसे में सामाजिक समरसता के लिए हर गांव में हर एक मतदाता तक पहुंचना होगा. पीएम मोदी ने बीजेपी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा था कि मुस्लिमों को लेकर गलत बयानबाजी नहीं करें. उन्होंने कार्यकर्ताओं से पसमांदा मुसलमानों, बोहरा मुस्लिमों तक पहुंच बनाने के लिए कहा था. दिल्ली से पहले हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में भी पीएम मोदी ने मुसमलानों के पिछड़े माने जाने वाले पसमांदा मुसलमान को पार्टी से जोड़ने का मंत्र दिया था. देश में करीब 20 लाख से ज्यादा बोहरा समुदाय के लोग हैं. वहीं मुस्लिम समुदाय में पसमांदा मुस्लिमों की संख्या करीब 85 प्रतिशत बताई जाती है जबकि 15 प्रतिशत में सैयद, शेख, पठान जैसे उच्च जाति के मुसलमान हैं.
मुस्लिम बहुल इलाकों में बीजेपी का स्नेह सम्मेलन
बीजेपी ईद के बाद यूपी के मुस्लिम बहुल इलाकों में एक देश एक डीएनए के नाम से ‘स्नेह सम्मेलन’ शुरू करने जा रही है. ये सम्मेलन मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी यूपी में 12 जगह होंगे. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के बैनर तले होने वाले इन सम्मेलनों में कन्वर्टेड मुस्लिम जैसे मूला जाट, मुस्लिम गुर्जर, मुस्लिम राजपूत और मुस्लिम त्यागी के लोगों को शामिल किया जाएगा. सम्मेलन में बीजेपी बड़े हिंदू नेता भी शामिल होंगे.
सम्मेलन को लेकर यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने मीडिया से कहा है, ‘हम मुस्लिम बहुल इलाके में इस तरह की पहली बैठक की मेजबानी कर रहे हैं ताकि हमारा संदेश पूरी जोरदारी और स्पष्ट तरीके से पहुंचे. पार्टी उन मुस्लिमों के बीच एकता की भावना बढ़ाना चाहती है जो बीजेपी को अपना दुश्मन मानते हैं.’ पश्चिमी यूपी की बात करें तो इस क्षेत्र की लगभग 16 लोकसभा सीटों पर मुसलमानों का 35 से 40 फीसद वोट है.
अमित शाह ने मुस्लिम धर्मगुरुओं का जीता दिल
केंद्रीय मंत्री ने 4 मार्च को मुस्लिम धर्मगुरुओं का एक प्रतिनिधिमंडल मिला था. वहां उन्होंने शाह के सामने रामनवमी, लिंचिंग जैसे 14 मुद्दे उठाए थे. मुलाकात के बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद के सचिव नियाज फारूकी ने मीडिया से कहा, "यह अलग अमित शाह थे. वह राजनीतिक भाषणों में जैसे दिखते हैं, उससे कहीं अलग नजर आए. उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और हमें विस्तार से सुना."