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BJP ने तैयार की ओडिशा विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति, आदिवासी वोट पाने के लिए बनाया ये प्लान

2024 में ओडिशा में विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रदेश में करीब 23 प्रतिशत आदिवासी आबादी है. राज्य की 147 में से 24 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. ऐसे में बीजेपी के रणनीतिकारों की नजर आदिवासी वोटों पर है. उनका मानना है कि महिला और आदिवासी फैक्टर पर फोकस कर चुनाव जीता जा सकता है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:56 AM IST
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं
  • राज्य की 147 में से 24 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित

2024 में लोकसभा के साथ ही ओडिशा में विधानसभा चुनाव होना हैं. इसके लिए बीजेपी एक्टिव मोड में आ गई है. इस बार बीजेपी ओडिशा में आदिवासी क्षेत्रों पर खासतौर से ध्यान केंद्रित करेगी. जानकारी के मुताबिक पार्टी का प्रयास आदिवासी और महिलाओं को साधने पर होगा.

बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू के रूप में ओडिशा को पहली बार राष्ट्रपति दिया है. द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं. बीजेपी को रणनीतिकारों का मानना है कि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मुर्मू फैक्टर उनके पक्ष में काम कर सकता है.

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दरअसल, ओडिशा में करीब 23 प्रतिशत आदिवासी आबादी है. राज्य में कम से कम 15 विधानसभा सीटों पर आदिवासियों की आबादी 55 प्रतिशत से अधिक है. जबकि करीब 35 सीटों पर 30 प्रतिशत से अधिक आदिवासी वोटर हैं. राज्य में सिर्फ 17 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है, जबकि 83 प्रतिशत गांवों में रहती है. राज्य की 147 में से 24 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. अभी इनमें से सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के पास 20 सीटें हैं, जिनमें 3 महिला विधायक हैं. राज्य के कुल 3.26 करोड़ मतदाताओं में 1.54 करोड़ महिला वोटर हैं. 

राज्य में पिछले चुनाव का हाल
 

बीजेपी के रणनीतिकार मानते हैं कि महिला और आदिवासी फैक्टर पर फोकस कर चुनाव जीता जा सकता है. ओडिशा में बीजेपी की ताकत लगातार बढ़ रही है. दो दशक से सत्ता में काबिज नवीन पटनायक को बीजेपी चुनौती दे सकती है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 21 में से 8 लोकसभा सीटें जीती थीं. जबकि विधानसभा में बीजेपी को 23 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.

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बीजेपी का वोट शेयर कितना बढ़ा?
 

पिछले चुनाव में बीजेपी के वोटों में जबर्दस्त इजाफा हुआ था. बीजेपी ने 14.5 प्रतिशत की छलांग लगाते हुए 32.5 प्रतिशत वोट हासिल किए थे. राज्य में कांग्रेस की लगातार घटती ताकत का फायदा बीजेपी को मिल रहा है. बीजेपी वहां बीजेडी के सामने प्रमुख विपक्षी दल के रूप में खुद को स्थापित कर चुकी है.

महिला वोटरों के लिए लुभावने वादे


बीजेडी पहले से ही राज्य में महिला मतदाताओं के लिए कई लुभावने वादे कर चुकी है. उसने लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत टिकट दिया है. अब बीजेपी भी महिलाओं को अपने पाले में लाने के लिए कई चुनावी वादों पर काम कर रही है. इनमें महिलाओं को नौकरियों और स्थानीय निकायों में आरक्षण के अलावा सुरक्षा, कानून-व्यवस्था में सुधार आदि शामिल हैं.

इन राज्यों पर है बीजेपी की नजर


बीजेपी के रणनीतिकार कहते हैं कि उत्तर भारत में पार्टी पहले से ही अधिकतम सीटें ला चुकी है. इसलिए अगर वहां नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई के लिए पार्टी को पूर्वी और दक्षिण भारतीय राज्यों की ओर देखना पड़ रहा है. बीजेपी के मिशन 2024 के लिए ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य खासतौर से महत्वपूर्ण हैं और यहां के आदिवासी वोटों पर भी बीजेपी की नजर है.
 

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