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सौमित्र खान ने बंगाल BJYM के अध्यक्ष पद से दिया था इस्तीफा, फिर वापस लिया

इस्तीफा देने के बाद सौमित्र खान ने फेसबुक लाइव (Facebook Live) कर शुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बंगाल में विपक्ष के नेता दिल्ली में बैठे शीर्ष नेतृत्व को भ्रमित कर रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्य सौमित्र खान. (फोटो-Twitter) भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्य सौमित्र खान. (फोटो-Twitter)
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता ,
  • 08 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST
  • शुभेंदु अधिकारी पर सौमित्र ने साधा निशाना
  • बंगाल BJYM के अध्यक्ष पद से दिया था इस्तीफा

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बुधवार को बीजेपी (BJP) नेता सौमित्र खान (Saumitra Khan) ने बंगाल भाजयुमो (BJYM) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया. हालांकि चंद घंटों बाद ही उन्होंने अपना इस्तीफा वापस (Withdraw Resignation) ले लिया. 

इस्तीफा देने के बाद सौमित्र खान ने फेसबुक लाइव (Facebook Live) कर शुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बंगाल में विपक्ष के नेता दिल्ली में बैठे शीर्ष नेतृत्व को भ्रमित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब पार्टी ने मुझे युवा मोर्चा की जिम्मेदारी दी तो मैंने काम किया, पार्टी ने मुझसे जो कहा मैंने किया. लेकिन अधिकारी ने पार्टी को क्रेडिट नहीं दिया. अब युवा मोर्चा को चलाना उनके लिए काफी मुश्किल हो गया है.

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हालांकि, कुछ देर बाद ही फेसबुक के जरिए  सौमित्र खान ने बताया कि वह इस्तीफा वापस ले रहे हैं. उन्होंने लिखा कि, मैं यह बताने के लिए अवसर ले रहा हूं कि बीएल संतोष, अमित शाह, और तेजस्वी सूर्या के निर्देश पर मैं सम्मान के तौर पर अपना इस्तीफा वापस ले रहा हूं.


फेसबुक लाइव के दौरान सौमित्र ने कहा कि हम सबने साथ लड़ाई लड़ी है लेकिन नेता विपक्ष श्रेय खुद ले रहे हैं. मैंने नरेंद्र मोदी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आदर्शों को देखते हुए बीजेपी का दामन थामा था. मैं यहां किसी लालच से नहीं आया था. मुझे अब भी कोई लालच नहीं है.

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सौमित्र खान ने यह भी कहा कि बंगाल चुनाव के नतीजे देखकर उन्हें दुख हुआ. वो युवा मोर्चा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में बीजेपी की हार की जिम्मेदारी मैं लेता हूं. मुझे महसूस होता है कि मैं अपने इलाकों के लोगों से साथ ठीक से काम नहीं कर पाया. मैं बिसनुपुर के लोगों को समय नहीं दे पाया. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के साथ नहीं होने का सवाल ही नहीं है. चुनाव से पहले भी विरोध के चलते मुझे किनारे कर दिया गया था,  मैं कह रहा था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व गलती कर रहा है.

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