
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को देश की नई संसद का उद्घाटन करेंगे. इस उद्घाटन का समारोह का कई विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है तो कई पार्टियां इस समारोह में शामिल हो रही हैं. ऐसे में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी संसद के नए भवन के लोकार्पण कार्यक्रम का बहिष्कार करने का एलान कर दिया है. पार्टी का तर्क है कि वो पहलवानों के समर्थन में इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं.
इस फैसले की घोषणा करते हुए पार्टी के अध्यक्ष और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा, '28 मई को दिल्ली में संसद के नए भवन के लोकार्पण कार्यक्रम का दिल्ली में जंतर मंतर पर आंदोलित पहलवानों के समर्थन में और पहलवानों के सम्मान में बहिष्कार करता हूं, मुझे अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि आज हमारे देश के विख्यात पहलवान, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया और पद्म अवॉर्ड और अर्जुन अवॉर्ड जैसे महत्वपूर्ण सम्मानो से सरकारों ने नवाजा. उन्हें मजबूरन एक माह से अधिक समय से देश की राजधानी में न्याय की मांग को लेकर आंदोलन करना पड़ रहा है क्योंकि पूरी केंद्र सरकार एक बाहुबली सांसद के आगे नतमस्तक है.'
पहलवानों से ध्यान भटकाने के लिए रखा गया कार्यक्रम
हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की करारी हार और पहलवानों के आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए संसद के नए भवन का लोकार्पण कार्यक्रम रखा गया है.
कर्नाटक की हार से भटकाया जा रहा ध्यान
बेनीवाल ने कहा, 'प्रधानमंत्री जी को संसद के नए भवन के लोकार्पण से पहले पहलवानों के आंदोलन की तरफ ध्यान देते हुए बाहुबली सांसद के खिलाफ कार्यवाई करने की जरूरत है. मगर उन्होंने कर्नाटक चुनाव में मिली करारी हार और पहलवानों के आंदोलन से देश का ध्यान भटकाने के लिए आनन- फानन में संसद के नए भवन का लोकार्पण कार्यक्रम रख दिया.'
पहलवान करेंगे प्रदर्शन
बता दें कि पहलवानों ने भी इस दिन यानी 28 मई को नई संसद के बाहर ही धरना प्रदर्शन की तैयारी की हुई है. लेकिन प्रशासन ने ऐसे किसी प्रदर्शन को रोकने की पूरी तैयारी की हुई है. 28 मई को नई संसद का उद्घाटन होगा. सूत्रों के मुताबिक 28 मई को जंतर-मंतर से पार्लियामेंट की तरफ जाने वाली हर सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. जरूरत के मुताबिक पार्लियामेंट के आसपास के मेट्रो स्टेशन भी बंद किए जा सकते हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसान 28 मई को दिल्ली आने की कोशिश करेंगे. इस दिन लगभग 90 खाप पंचायत के करीब 3000 लोगों के दिल्ली आने की संभावना है.
पुलिस ने की तैयारी
पुलिस ने किसी भी पंचायत या धरना-प्रदर्शन को लेकर भी कोई परमिशन जारी नहीं की है. दरअसल, 28 मई को खाप पंचायत ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के पक्ष में महिला पंचायत बुलाई है. यह महिला पंचायत पार्लियामेंट के सामने करने की बात की जा रही है. सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस ने किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी तो कर ही ली है.