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पश्चिम बंगाल के संदेशाखली में TMC कार्यकर्ताओं पर महिलाओं के साथ यौन अत्याचार के आरोप लगे. इस मामले में अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ निशाना साधा है. ममता बनर्जी ने प्रताड़ना पर गुरुवार को कहा कि संदेशखाली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बंकर हैं. वहां, पहले भी दंगे हो चुके हैं.
पश्चिम बंगाल की विधानसभा में उन्होंने कहा कि संदेशखाली में बाहर से आकर बीजेपी के कार्यकर्ता मास्क पहनकर बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि वहां टारगेट एसके शाहजहां था. ED ने सबसे पहले उसे निशाने पर लिया. बीजेपी पर आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि संदेशखाली में बीजेपी बाहर से लोगों को ला रही है. इस मामले में हमने एक्शन लेते हुए एक कमेटी बनाई है.
केंद्र सरकार पर खड़े किए सवाल
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि दिनाजपुर में BSF की लापरवाही के कारण चार बच्चों की मौत हो गई. लेकिन केंद्र सरकार ने इसकी जांच के लिए अनपी कोई टीम नहीं भेजी. क्या केंद्र सरकार इस सवाल का जवाब देगी. उन्होंने आगे कहा कि BSF का काम सीमा की निगरानी करना है, बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरह काम करना नहीं. यहां बीजेपी के कैंपों पर BSF तैनात है.
बंगाल सरकार ने बनाई जांच टीम
बता दें कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए DIG रैंक की महिला IPS अधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय टीम बना दी है. टीम संदेशखाली का दौरा करेगी और उन महिलाओं से बात करेगी, जिन्होंने आरोप लगाया है कि उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया.
मदद मांग रहीं हिंदू महिलाएं: स्मृति
संदेशखाली मुद्दे पर स्मृति ईरानी ने कहा था कि संदेशखाली की हिंदू महिलाएं मदद मांग रही हैं. टीएमसी नेता शेख शाहजहां कहां हैं. ममता और उनकी सरकार ने लोगों ने कभी उन गुंडों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. ईरानी ने दावा किया था कि महिलाओं के साथ हुए अत्याचार पर पुलिसकर्मी भी मूकदर्शक बने रहे.
शाहजहां के खिलाफ सड़क पर महिलाएं
संदेशखाली में हाल के दिनों में स्थानीय टीएमसी नेता शेख शाहजहां के विरोध में बड़ी संख्या में महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है. महिलाओं ने शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों पर जबरन अपनी जमीनें हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. संदेशखाली के दो ब्लॉकों की 16 पंचायतों में धारा 144 लागू कर दी गई थी. सामान्य स्थिति बहाल होने तक उस क्षेत्र में इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था.