
उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच बुधवार को सात राज्यों के 13 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हुए, जहां मध्यम से उच्च मतदान दर्ज किया गया. मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक था. चुनाव आयोग (ईसी) के वोटर टर्नआउट ऐप के मुताबिक, तमिलनाडु की विक्रवंडी विधानसभा सीट पर 13 निर्वाचन क्षेत्रों में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया और उत्तराखंड की बद्रीनाथ सीट पर सबसे कम मतदान हुआ.
दरअसल, लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार हुए उपचुनाव में कई दिग्गजों और कुछ नए उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा, जिनमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर भी शामिल हैं. बिहार, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर, मतदान शांतिपूर्ण रहा.
उत्तराखंड के मंगलौर निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर प्रतिद्वंद्वी दलों के समर्थकों के बीच झड़प में चार लोग घायल हो गए. रुड़की सिविल लाइन कोतवाली प्रभारी आर के सकलानी ने पीटीआई को बताया कि मंगलौर के लिब्बरहेड़ी में बूथ संख्या 53-54 पर झड़प की सूचना मिली है. कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया कि बूथ पर गोलीबारी हुई, लेकिन पुलिस ने इन रिपोर्टों का खंडन किया.
झड़प के कथित वीडियो में कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन खून से सने कपड़ों में एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने भाजपा पर नफरत के बीज बोकर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया. एक अन्य वीडियो में उन्हें अस्पताल में घायल पार्टी कार्यकर्ता को गले लगाते हुए दिखाया गया.
उत्तराखंड़ की सीटों पर इतना मतदान
सूत्रों ने बताया कि बूथ पर हिंसा तब भड़की, जब कुछ लोगों ने अपना आधा चेहरा ढककर लोगों को मतदान करने से रोकना शुरू कर दिया. मंगलौर में 68.24 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि बद्रीनाथ में 49.80 प्रतिशत मतदान हुआ.
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के कारण मंगलौर उपचुनाव कराना पड़ा था, जबकि बद्रीनाथ सीट कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के इस्तीफा देने और मार्च में भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई थी.
बंगाल की सीटों पर ऐसा रहा मतदान
वहीं पश्चिम बंगाल में बगदाह और रानाघाट दक्षिण विधानसभा क्षेत्रों में हिंसा की खबर है, क्योंकि भाजपा ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर अपने बूथ एजेंटों पर हमला करने और अपने उम्मीदवारों को कुछ मतदान केंद्रों पर जाने से रोकने का आरोप लगाया. रानाघाट दक्षिण और बड़गाह से भाजपा उम्मीदवार मनोज कुमार विश्वास और बिनय कुमार विश्वास ने दावा किया कि उन्हें कुछ बूथों पर जाने की अनुमति नहीं दी गई. मनोज कुमार विश्वास ने आरोप लगाया कि कुछ क्षेत्रों में भाजपा के कैंप कार्यालयों में टीएमसी द्वारा तोड़फोड़ की गई.
भाजपा के मानिकतला उम्मीदवार कल्याण चौबे को विरोध का सामना करना पड़ा और कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा "वापस जाओ" के नारे लगाए गए, क्योंकि उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र में एक बूथ में प्रवेश करने की कोशिश की थी. टीएमसी ने आरोपों से इनकार किया और उन्हें "निराधार" करार दिया. भाजपा ने इन घटनाओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है.
निर्वाचन क्षेत्रों में रायगंज में सबसे अधिक 67.12 प्रतिशत मतदान हुआ, उसके बाद रानाघाट दक्षिण में 65.37 प्रतिशत, बागदा में 65.15 प्रतिशत और मानिकतला में 51.39 प्रतिशत मतदान हुआ.
बिहार की रूपौली में 57 फीसदी से अधिक मतदान
बिहार की बात करें तो यहां की रूपौली विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए, पूर्णिया में भीड़ द्वारा पुलिस दल पर हमला किए जाने पर दो अधिकारी घायल हो गए. उपमंडल पुलिस अधिकारी (सदर) पुष्कर कुमार ने कहा कि झड़प के कारण मतदान कुछ समय के लिए बाधित रहा और एक उपनिरीक्षक और एक कांस्टेबल घायल हो गए. राज्य चुनाव कार्यालय के अनुसार, रूपौली सीट पर हुए उपचुनाव में 57.25 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन क्षेत्र में हुए 61.19 प्रतिशत से कम है.
मौजूदा विधायक बीमा भारती के इस्तीफे के कारण उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था, जिन्होंने पहले कई बार जेडी(यू) के लिए सीट जीती थी, लेकिन हाल ही में आरजेडी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी छोड़ दी थी. 11 उम्मीदवार मैदान में थे. जेडी(यू) ने कलाधर प्रसाद मंडल को मैदान में उतारा, जिन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय के तौर पर इस सीट से चुनाव लड़ा था. हाल ही में एलजेपी (रामविलास) छोड़ने वाले पूर्व विधायक शंकर सिंह भी निर्दलीय के तौर पर मैदान में थे.
हिमाचल की सीटों पर भी हुआ उपचुनाव
हिमाचल प्रदेश में नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 78.82 प्रतिशत मतदान हुआ, उसके बाद हमीरपुर में 65.78 और देहरा में 63.89 प्रतिशत मतदान हुआ. 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और केएल ठाकुर (नालागढ़) के 22 मार्च को सदन से इस्तीफा देने के बाद ये सीटें खाली हो गई थीं.
जालंधर सीट पर 51 फीसदी से अधिक मतदान
पंजाब में, जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में 51.30 प्रतिशत मतदान हुआ. कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को पौधे उपहार में दिए गए. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस सीट से पूर्व मंत्री और पूर्व भाजपा विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है. भगत पिछले साल भाजपा छोड़कर आप में शामिल हुए थे. कांग्रेस ने जालंधर में पूर्व वरिष्ठ उप महापौर और पांच बार नगर निगम पार्षद रह चुकी सुरिंदर कौर पर दांव लगाया है. वह रविदासिया समुदाय की प्रमुख दलित नेता हैं. भाजपा ने अंगुराल को मैदान में उतारा है, जिन्होंने मार्च में आप छोड़कर पाला बदल लिया था. उन्होंने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आप के टिकट पर यह सीट जीती है. विक्रवंडी विधानसभा उपचुनाव में तेज मतदान देखने को मिला.
तमिलानडु की विक्रवंडी सीट पर सबसे अधिक मतदान
तमिलनाडु में विक्रवंडी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए कतार में खड़े थे. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 82.48 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. डीएमके विधायक एन पुघाझेंधी के निधन के कारण उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था. विक्रवंडी में त्रिकोणीय मुकाबला है, जिसमें सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के उम्मीदवार अन्नियुर शिवा (उर्फ शिवशनमुगम ए) का मुकाबला पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के सी अंबुमणि और नाम तमिलर काची के के अबिनया से है.
मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा सीट पर 78 फीसदी से अधिक मतदान
मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा (एसटी) विधानसभा सीट के लिए भी मतदान हुआ और मतदान प्रतिशत 78.71 रहा. तीन बार के कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के मार्च में भाजपा में शामिल होने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी.