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चुनाव में खड़े उम्मीदवार को जीरो वोट मिला हो, ऐसा शायद ही आपने कही सुना होगा. ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के चंद्रपुर से सामने आया है. चंद्रपुर के गोंड़पिपरी नगर पंचायत चुनाव में खड़े एक उम्मीदवार को एक भी वोट नहीं मिला है.
चुनाव यानी 'प्रचार' की धूम, एक उम्मीदवार वोट पाने के लिए क्या-क्या नहीं करता. एक-एक वोट पाने के लिए उम्मीदवार जी जान लगा देता है. घर-घर जाकर वोट मांगता है, कई आश्वासन देता है, अपने कार्यकर्ताओं को खिला-पीला कर चुनावी अखाड़े में उतरता है, अपने विरोधियों पर आरोप-प्रत्यारोप किया जाता है. चुनाव के दौरान कई मनोरंजक किस्से भी सामने आते हैं, कई अनसुनी घटनाएं भी सुनने को मिलती हैं, ये मामला भी कुछ ऐसा ही है.
चंद्रपुर में हाल ही में 6 नगर पंचायत के चुनाव हुए, नतीजे भी आए, लेकिन गोंड़पिपरी नगर पंचायत से एक हैरान करने वाला नतीजा सामने आया. यहां एक उम्मीदवार को जीरो वोट मिला है. यानी चुनाव में एक भी वोट नहीं मिला. ऐसे नतीजे के बारे में शायद ही अपने सुना होगा.
अगर कोई चुनाव में खड़ा होता है, तो उसे कम से कम अपने परिवार का वोट तो मिलता ही है. परिवार का नहीं मिला, तो खुद का एक वोट तो पक्का होता ही है, लेकिन इस उम्मीदवार ने खुद का वोट भी खुद को नहीं डाला.
दरअसल, गोंड़पिपरी के वार्ड नंबर 2 से खड़े उम्मीदवार जितेंद्र इटेकर बीजेपी के कार्यकर्ता हैं. उन्होंने बीजेपी से टिकट की मांग की थी, लेकिन पार्टी की ओर से उन्हें टिकट नहीं दिया गया. इसलिए नाराज होकर, बगावत करते हुए जितेंद्र स्वतंत्र रूप से अपना नामांकन भरा और चुनाव की तैयारी में जुट गए. इसी दौरान पार्टी के बड़े नेता जितेंद्र को अपना नामांकन वापस लेने के लिए समझाने लगे. इलाके के पार्टी आलाकमान द्वारा समझाने पर, जितेंद्र ने अपना नामांकन वापस लेने का फैसला लिया, लेकिन तब तक नामांकन वापस लेने की तारीख निकल चुकी थी. इसलिए जितेंद्र ने अपना प्रचार भी नहीं किया और खुद का वोट भी खुद को नहीं डाला. फिलहाल जीरो वोट पाने वाले जितेंद्र की इलाके में जोरों पर चर्चा है.