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हारकर भी CM बने और अब 93% वोट पाकर जीते, उत्तराखंड की राजनीति में धामी का धमाल

उत्तराखंड की राजनीति में पुष्कर सिंह धामी हार के बाद अब इस उपचुनाव में जीत के बाद और भी मजबूत होकर निकले हैं. 55 हजार वोटों की भारी भरकम जीत के साथ राज्य की राजनीति में उन्होंने अपने कदम मजबूती से जमा लिए हैं.

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो) उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST
  • जीत के साथ रिकॉर्ड बना गए धामी
  • कांग्रेस कैंडिडेट का जमानत जब्त

उत्तराखंड की राजनीति लगभग 4 महीने में बड़ा फेर-बदल हुआ है. विधानसभा चुनाव के दौरान जिस पुष्कर सिंह धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा था वहीं सीएम धामी ने अब प्रचंड जीत हासिल की है. चम्पावत उपचुनाव में उन्होंने 93 फीसदी वोट लेकर एक रिकॉर्ड कायम कर दिया है. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला गहतोड़ी को 55 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से शिकस्त दी है. 

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चम्पावत में 31 मई को विधानसभा का उपचुनाव हुआ था. यहां 64 फीसदी मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया था. शुक्रवार को हुई मतगणना में सीएम धामी को 58,258 वोट मिले, जबकि निर्मला गहतोड़ी को मात्र 3233 वोट मिले और वो अपना जमानत भी नहीं बचा सकीं. उन्हें कुल वैध मतों का 5.1 फीसदी वोट मिला. जबकि जमानत बचाने के लिए 6 फीसदी वोटों की जरूरत होती है. सीएम धामी ने 55,025 के अंतर से चुनाव जीता. आंकड़ों के लिहाज से सीएम धामी को कुल वोटों का 92.9 प्रतिशत वोट मिला. इस जीत के साथ ही उत्तराखंड सीएम की उनकी कुर्सी 5 साल के लिए पक्की हो गई है. 

हालांकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री उपचुनाव में कभी नहीं हारे हैं लेकिन धामी ने यहां रिकॉर्ड ही कायम कर दिया है. इससे पहले 2012 में कांग्रेस के टिकट पर विजय बहुगुणा ने 2012 में सितारगंज विधानसभा से 40 हजार वोटों के अंतर से अपना उपचुनाव जीता था. 

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इससे पहले 2002 में कांग्रेस के एनडी तिवारी रामनगर उपचुनाव 23220 वोटों से जीते थे. 2007 में बीजेपी के बीसी खंडूरी धुमकोट उपचुनाव 14171 वोटों से जीते थे.

बता दें कि उत्तराखंड चुनाव से कुछ महीने पहले ही राज्य के सीएम की कुर्सी संभालने वाले पुष्कर सिंह धामी इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में खटीमा सीट पर भूवन चंद्र कापड़ी से चुनाव हार गए थे. हालांकि सीएम धामी खटीमा सीट से ही 2012 और 2017 में चुनाव जीते थे. 

हालांकि हार के बावजूद बीजेपी ने उत्तराखंड में शानदार वापसी की. बीजेपी नेतृत्व ने धामी के नेतृत्व पर भरोसा जताया और चुनाव हारने के बावजूद एक बार फिर से पुष्कर सिंह धामी को सीएम पद सौंपा. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार धामी को 6 महीने के अंदर ही विधानसभा का सदस्य होना जरूरी था. ताकि वे सीएम के रूप में अपनी पारी जारी रख सकें. 

ऐन मौके पर सीएम धामी के लिए चम्पावत से बीजेपी विधायक कैलाश गहतोड़ी ने उनके लिए अपनी सीट खाली की और उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से 21 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया. इसके बाद इस सीट पर दोबारा चुनाव कराया गया.  

 

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