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असम में विपक्षी 'महागठबंधन' में टूट, अजमल की AIUDF और BPF से अलग हो रही कांग्रेस!

असम में कांग्रेस की अगुवाई में बने महागठबंधन में टूट हो गई है. कांग्रेस ने गठबंधन के दो अहम दलों से अलग होने की बात कही है. राज्य की यूनिट ने इसका फैसला कर लिया है, केंद्रीय नेतृत्व की मुहर के बाद ऐलान कर दिया जाएगा.

चुनाव से पहले बदरुद्दीन अजमल की पार्टी से हुआ था गठबंधन (फाइल फोटो) चुनाव से पहले बदरुद्दीन अजमल की पार्टी से हुआ था गठबंधन (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST
  • असम के महागठबंधन में टूट
  • कांग्रेस ने खुद को AIUDF-BPF से अलग किया

असम में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ तैयार हुआ महागठबंधन टूट गया है. कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को बदरुद्दीन अजमल की AIUDF और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के साथ अपने गठबंधन को खत्म करने का ऐलान कर दिया. दोनों दलों द्वारा लगातार मुख्यमंत्री और भाजपा की तारीफ की जा रही थी, जिससे कांग्रेस नाराज़ थी. 

कांग्रेस ने किया गठबंधन तोड़ने का ऐलान

कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि प्रदेश अध्यक्ष बिपुन बोरा की अगुवाई में कोर कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें AIUDF के बीजेपी के प्रति व्यवहार को लेकर चिंता व्यक्त की गई. AIUDF नेताओं द्वारा लगातार बीजेपी और मुख्यमंत्री की जा रही तारीफ लोगों में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहा है. 

प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि पार्टी ने तय किया है कि AIUDF ऐसे में असम में महाजोत का हिस्सा नहीं रह सकती है, इसकी सूचना केंद्रीय नेतृत्व को भी दे दी जाएगी. प्रदेश यूनिट ने अपनी ओर से दोनों पार्टियों के साथ गठबंधन तोड़ने पर मुहर लगा दी है. 

AIUDF ने दी ये प्रतिक्रिया

कांग्रेस के इस फैसले पर AIUDF का भी बयान आया है. पार्टी का कहना है कि कांग्रेस द्वारा जो फैसला लिया गया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. ये वक्त है जब सभी सेक्युलर पार्टियों को भाजपा के खिलाफ एकजुट होना चाहिए. AIUDF का कहना है कि किसी नेता के निजी बयान से पार्टियों का गठबंधन तय नहीं होना चाहिए, हमने हमेशा ही बीजेपी का विरोध किया है और आगे भी करते रहेंगे. 

कांग्रेस ने AIUDF के अलावा BPF के साथ भी अपना गठबंधन खत्म करने का फैसला लिया है. पार्टी ने दोनों मुद्दे के लिए प्रदेश अध्यक्ष को जिम्मेदारी दी है और अंतिम फैसला उनका ही है. कांग्रेस ने इसी के साथ आने वाले चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है और अलग-अलग पदों पर नेताओं की नियुक्ति की जा रही है.  

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अगुवाई में दस दलों का महागठबंधन बना था. कांग्रेस, AIUDF और BPF के अलावा इस गठबंधन में CPI(M), CPI, ANP, RJD जैसे राजनीतिक दल थे. दस पार्टियों ने मिलकर विधानसभा चुनाव में कुल 50 सीटें जीती थीं. 

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