
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने बाबरी मस्जिद विध्वंस में अदालत के फैसले को आश्चर्यजनक करार दिया है. राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा है कि ये फैसला प्राकृतिक न्याय के सिद्धातों के खिलाफ है.
लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर यानी कि बुधवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में बाबरी मस्जिद विध्वंस के सभी 32 आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है. जज सुरेंद्र यादव ने ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं. इसलिए, सभी 32 आरोपियों को बरी किया जाता है.
बता दें कि इस केस में बीजेपी के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, कल्याण सिंह और विनय कटियार जैसे नामी लोग अभियुक्त बनाए गए थे.
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा कि बाबरी मस्जिद पर कोर्ट का फैसला हैरान करने वाला है. ये प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के भी खिलाफ जाता है और ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के भी खिलाफ जाता है.
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी कहा है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष अदालत का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और संविधान की परिपाटी से परे है.
#BabriMasjidDemolitionCase मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष अदालत का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व संविधान की परिपाटी से परे है।
सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की खंडपीठ के 9 नवंबर 2019 के निर्णय के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था।
बयान-: pic.twitter.com/pHDP0BEkdt
सुरजेवाला ने कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की खंडपीठ के 9 नवंबर 2019 के निर्णय के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था. पर विशेष अदालत ने सभी दोषियों को बरी कर दिया. सुरजेवाला ने कहा कि विशेष अदालत का फैसला साफ तौर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रतिकूल है.
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने कहा कि पूरा देश जानता है कि बीजेपी आरएसएस और उनके नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए देश और समाज के साम्प्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने का एक घिनौना षडयंत्र किया था. इस साजिश में उस समय की बीजेपी सरकार भी शामिल थी.