
किसानों के चल रहे आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्ष के नेता (एलओपी) प्रताप सिंह बाजवा ने गुरुवार को पूछा कि केंद्र सरकार किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन से इतनी क्यों डर रही है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता बाजवा ने कहा कि इंग्लैंड के किसानों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन के कारण लंदन में वेस्टमिंस्टर ट्रैक्टरों से भर गया. न तो सरकार और न ही स्कॉटलैंड यार्ड ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया. उन्होंने बल का प्रयोग नहीं किया क्योंकि वे लोकतांत्रिक सिद्धांतों और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करते हैं.
बाजवा ने कहा, "इसके विपरीत, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के निर्देश पर हरियाणा में भाजपा सरकार ने निहत्थे और शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें चलाईं. हरियाणा में भाजपा सरकार ने शंभू और खनौरी सीमाओं पर इस तरह से विशाल बैरिकेडिंग की है जैसे कि पंजाब भारत का हिस्सा ही न हो."
कादियां विधायक बाजवा ने कहा कि किसानों की जायज मांगों के प्रति भाजपा के तानाशाही रवैये से बेहद निराश होकर किसान यूनियन नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल पिछले 17 दिनों से आमरण अनशन पर हैं. उनकी तबीयत अब बिगड़ती जा रही है. अगर कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी. पंजाब की कानून व्यवस्था दांव पर लगी है.
किसानों के शांतिपूर्ण मार्च को रोकने के लिए भाजपा द्वारा अपनाए गए अलोकतांत्रिक तरीकों पर सवाल उठाते हुए बाजवा ने पूछा, "क्या भाजपा किसानों को इस देश का नागरिक नहीं मानती? भाजपा किसानों के शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकार मांगने से इतनी क्यों डरती है? क्या भाजपा इसी तरह लोकतंत्र की रक्षा कर रही है?"