
कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर दिल्ली को लेकर लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध करने का ऐलान किया है.कांग्रेस की तरफ से यह ऐलान तब किया गया है जब आज शाम को आम आदमी पार्टी की PAC की एक अहम बैठक होनी है जिसमें इस अध्यादेश को लेकर चर्चा होगी.आप सांसद राघव चड्ढा ने इसे लेकर एक वीडियो भी पोस्ट किया है. आज की पीएसी में AAP बेंगलुरु में होने वाली बैठक का हिस्सा बनने का फैसला ले सकती है.
वेणुगोपाल का बयान
विपक्ष की कल बेंगलुरु में होने वाली बैठक में आम आदमी पार्टी के शामिल होने के सवाल पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'मुझे लगता है कि वे (AAP) कल बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. जहां तक अध्यादेश (दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर) का सवाल है, हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है. हम इसका समर्थन नहीं करने जा रहे हैं.'
कांग्रेस के इस कदम का स्वागत करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'बिल्कुल वही जो कांग्रेस अध्यक्ष ने पटना बैठक के दौरान आप नेतृत्व को बताया था और प्रतिबद्धता जताई थी.'
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इससे पहले शनिवार को कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, कांग्रेस पार्टी ने हमेशा राज्यों में निर्वाचित सरकारों के संघीय ढांचे पर किसी भी हमले का विरोध किया है. वो आगे भी ऐसा करना जारी रखेगी. संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह.
केजरीवाल मांग रहे थे समर्थन
यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के बीच असहमति की खबरें आ रही थी. बता दें कि AAP विपक्षी दलों की बैठकों और आगामी रणनीति से पहले कांग्रेस को अध्यादेश को लेकर रुख स्पष्ट करने पर जोर दे रही थी. पटना में विपक्ष की बैठक में भी केजरीवाल ने कांग्रेस से समर्थन देने की अपील की थी.
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मानसून सत्र में केंद्र को घेरने की तैयारी में कांग्रेस
सूत्रों का कहना है कि यह अध्यादेश संसद में लाया जाता है तो कांग्रेस विरोध कर सकती है और AAP को समर्थन देने का फैसला ले सकती है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने शनिवार को संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक की. संसदीय रणनीति समूह ने बड़े मसलों पर राय-मशविरा किया.
जब अध्यादेश मुद्दे पर चर्चा के बारे में पूछा गया तो कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- पार्टी ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों पर मोदी सरकार के हमलों के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी है.
दिल्ली अध्यादेश पर चल रहा है विवाद
केंद्र सरकार 19 मई को दिल्ली सरकार की शक्तियों को कम करने के लिए एक अध्यादेश लेकर आई है. इसमें सेवाओं पर नियंत्रण का अधिकार भी शामिल है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था, जिसमें पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित सेवाओं को छोड़कर दिल्ली में सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को सौंपने का फैसला सुनाया था.
केंद्र सरकार के कदम के बाद अरविंद केजरीवाल ने देशव्यापी समर्थन मांगा. वे अलग-अलग राज्यों में पहुंचे और विपक्षी दलों के नेताओं से मिले और केंद्र सरकार के अध्यादेश का संसद में विरोध करने की अपील की. केजरीवाल का कहना है कि यह अध्यादेश देश के संघीय ढांचे को नष्ट कर देगा.