
Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन था. इस पद के लिए कुल तीन उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. इनमें मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और केएन त्रिपाठी का नाम शामिल है. फिलहाल तीनों के नामांकन पत्रों की जांच होनी है. यदि किसी के पत्र में कोई गड़बड़ी मिलती है तो नामांकन रद्द भी हो सकता है. इसके चलते ही खड़गे और थरूर ने एक से अधिक नामांकन पत्र दाखिल किए हैं. नामांकन पत्रों की जांच के बाद ही फाइनल उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी.
कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि खड़गे द्वारा 14 फॉर्म, शशि थरूर द्वारा 5 और केएन त्रिपाठी द्वारा 1 फॉर्म जमा किए गए हैं. कल (शनिवार) हम फॉर्मों की जांच करेंगे. इसके बाद कल शाम को हम उन फॉर्मों और उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेंगे जो वैध हैं.
उन्होंने कहा कि इन तीनों उम्मीदवारों में से कोई भी पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है. वे अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पूरी प्रक्रिया में तटस्थ रहेंगी और अगर कोई दावा करता है कि उनके पास उनका साथ है, तो यह गलत है.
17 अक्टूबर को होगा चुनाव
नामांकन पत्रों की जांच एक अक्टूबर को होगी, जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 8 अक्टूबर है. अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होगा. वहीं मतों की गिनती और नतीजों की घोषणा 19 अक्टूबर को होगी. इसके साथ ही दिवाली से पहले कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल जाएगा.
कांग्रेस को 24 साल बाद मिलेगा गैर गांधी अध्यक्ष
बता दें कि आगामी चुनाव निश्चित रूप से ऐतिहासिक होगा क्योंकि नया अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह लेगा, जो सबसे लंबे समय तक पार्टी की अध्यक्ष हैं. वो 1998 से 2017 तक अध्यक्ष पद पर रहीं. 2017 से 2019 तक राहुल गांधी ने ये पदभार संभाला था, लेकिन बाद लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सोनिया को फिर पार्टी की कमान संभालनी पड़ी थी. पार्टी में आखिरी बार नवंबर 2000 में इस पद के लिए चुनाव हुआ था. इस चुनाव में जितेंद्र प्रसाद सोनिया गांधी से हार गए थे. इस चुनाव से पहले सीताराम केसरी ने 1997 में शरद पवार और राजेश पायलट को हराया था.
अशोक गहलोत ने चुनाव लड़ने से किया इनकार
गौरतलब है कि इस चुनाव के रेस में सबसे अधिक चर्चा अशोक गहलोत को लेकर थी. राहुल गांधी का अध्यक्ष पद से चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने की चर्चा थी. खुद गहलोत भी कह चुके थे कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे. माना जा रहा था कि अशोक गहलोत कांग्रेस आलाकमान की पसंद हैं. लेकिन राजस्थान में सीएम बदलने की चर्चा के बीच गहलोत खेमे के विधायक नाराज हो गए. उन्होंने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस सियासी ड्रामे के बाद अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचे. उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अध्यक्ष पद का चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया था.