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मनीष तिवारी की मांग वाजिब, प्रक्रिया पर सवाल उठाना गलत, कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव पर बोले संदीप दीक्षित

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और असंतुष्ट नेताओं के समूह G-23 के सदस्य मनीष तिवारी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव की प्रक्रिया को लेकर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कांग्रेस के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री से उन लोगों की लिस्ट जारी करने की मांग की है, जो अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करेंगे. इस पर संदीप दीक्षित ने जवाब दिया है.

मनीष तिवारी और संदीप दीक्षित मनीष तिवारी और संदीप दीक्षित
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

कांग्रेस में नया अध्यक्ष चुने जाने को लेकर पार्टी की रार खुलकर सामने आ गई है. पहले शशि थरूर और फिर मनीष तिवारी के बयान बता रहे हैं कि पार्टी अध्यक्ष चुने जाने को लेकर कहीं प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो कहीं उसकी पारदर्शिता पर संदेह है. अब इसे लेकर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने भी अपनी राय रखी है और मनीष तिवारी के सवालों को जायज ठहराया है.

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संदीप दीक्षित का कहना है, ‘‘मनीष की मांग वाजिब है. डेलीगेट की लिस्ट पब्लिक होनी चाहिए, लेकिन प्रक्रिया पर सवाल उठाना गलत है. हालांकि आजकल इंटरनेट का जमाना है, आप उस लिस्ट को भले सार्वजनिक ना करें, लेकिन अगर कोई व्यक्ति इंटरेस्टेड है तो उसे डेलीगेट की लिस्ट मिल जानी चाहिए. मुझे कौन नॉमिनेट करेगा, उसका नाम पता  होना चाहिए. कांग्रेस इसे पब्लिक करे या सामान्य लोगों के बीच इनके नाम रखे, इसकी कोई जरूरत नहीं, लेकिन इसका कोई एक सिस्टम बन जाना चाहिए. जहां तक प्रक्रिया का सवाल है, पहले भी ऐसे ही थी, 5 साल पहले भी ऐसी थी. उसी प्रक्रिया से ही वो कांग्रेस के मेंबर बने हैं और आनंद शर्मा एवं गुलाम नबी आजाद भी इसी प्रक्रिया से गुज़रे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और असंतुष्ट नेताओं के समूह G-23 के सदस्य मनीष तिवारी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव की प्रक्रिया को लेकर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कांग्रेस के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री से उन लोगों की लिस्ट जारी करने की मांग की है, जो अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करेंगे. अपने कई ट्वीट में उन्होंने मिस्त्री को टैग करते हुए सवाल किया कि यदि मतदान करने वाले लोगों की सूची ही नहीं होगी तो फिर कैसे किसी दबाव से मुक्त और सही ढंग से चुनाव होंगे. निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव का आधार यही है कि प्रतिनिधियों के नाम और पते कांग्रेस पार्टी की वेबसाइट पर पारदर्शी तरीके से प्रकाशित होने चाहिए. कांग्रेस सांसद तिवारी ने कहा कि यह 28 प्रदेश कांग्रेस कमेटी और आठ क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का चुनाव नहीं. कोई क्यों पीसीसी के कार्यालय जाकर पता करे कि प्रतिनिधि कौन हैं? सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि ऐसा क्लब के चुनाव में भी नहीं होता.

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कांग्रेस नेता और सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी मनीष तिवारी के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि हर चुनाव में पारदर्शिता के लिए निर्वाचक मंडल की आवश्यकता होती है. आगे कहा कि "सुधारवादी होना विद्रोही नहीं हैं". तिवारी के अलावा, जी23 के एक अन्य सदस्य शशि थरूर ने भी मांग की है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए.


 

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