
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 201 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है. अब इसी तर्ज पर पश्चिम बंगाल में भी पदयात्रा निकाली जाएगी. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी की ओर से जल्द ही पश्चिम बंगाल में भी एक यात्रा भारत जोड़ो यात्रा की तरह निकाली जाएगी.
इंडिया टुडे-आजतक से विशेष रूप से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल में एक पदयात्रा निकालेगी. जिसका नेतृत्व पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के शीर्ष अधिकारी करेंगे. उन्होंने कहा कि हम सुंदरबन से उत्तरी बंगाल तक भारत जोड़ो यात्रा निकालेंगे.
जयराम रमेश ने कहा कि इस पदयात्रा में सभी समान विचारधारा वाले दल शामिल हो सकते हैं और हमारा समर्थन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और फॉरवर्ड ब्लॉक ने केरल में हमारा समर्थन किया है, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने तमिलनाडु में हमारा समर्थन किया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस से समर्थन मांगेगे. इस पर जयराम रमेश ने कहा कि टीएमसी इस यात्रा के लिए बंगाल में हमारा समर्थन करेगी या नहीं, यह पूरी तरह से उन पर निर्भर करता है.
कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद जयराम रमेश ने दावा किया कि भाजपा सुर्खियों को मैनेज करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि उन्हें भी पता है कि भारत जोड़ो यात्रा को बहुत समर्थन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा पूरी तरह से सफल है. इसलिए बीजेपी हेडलाइन मैनेजमेंट कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा भारत जोड़ो यात्रा से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए चीते ही नहीं, तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है.
क्या है भारत जोड़ो यात्रा का रूट
कन्याकुमारी से शुरू हुई ये पदयात्रा केरल के तीन शहरों (तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, और नीलांबुर) से गुजर रही है. इसके बाद कर्नाटक के मैसूर, बेल्लारी और रायचूर से होते हुए ये तेलंगाना के विकराबाद पहुंचेगी और फिर महाराष्ट्र के नांदेड़ और जलगांव से ये मध्य प्रदेश के इंदौर और फिर राजस्थान के कुछ ज़िलों में पहुंचेगी (कोटा, दौसा और अलवर) और आखिर में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से ये श्रीनगर तक जाएगी. और इस तरह इस पदयात्रा में कुल 12 राज्य कवर होंगे. ये वो 12 राज्य हैं, जहां लोकसभा की कुल 321 लोकसभा सीटें हैं. और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इनमें से केवल 37 सीटों पर जीत मिली थी.
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