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कांग्रेस में दो फाड़, CWC में घमासान? जानिए आज बैठक में क्या हो सकता है

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की आज बैठक होने वाली है. इस बैठक से पहले कांग्रेस दो फाड़ हो गई है. एक धड़े ने मौजूदा परिस्थितियों पर सवाल खड़े किए हैं, तो दूसरा गुट पहले धड़े के नेताओं के खिलाफ ही खड़ा है.

सोनिया गांधी (फाइल फोटो-PTI) सोनिया गांधी (फाइल फोटो-PTI)
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 7:56 AM IST
  • कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आज
  • सोनिया गांधी छोड़ सकती हैं अध्यक्ष पद
  • 3-6 महीने में हो सकता है शीर्ष पद के लिए चुनाव

सोमवार को कांग्रेस के कार्यसमिति की बैठक में क्या होने वाला है? कांग्रेस नेताओं को यही सवाल परेशान किए हुए है. एक तरफ पार्टी का वो धड़ा है, जिसने पार्टी की मौजूदा परिस्थितियों पर सवाल खड़े किए हैं और दूसरी तरफ पार्टी का वह धड़ा है, जो इन नेताओं के खिलाफ खड़ा नजर आ रहा है.

तमाम राज्य इकाइयों से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पत्र लिखने वाले नेताओं का खंडन किया है. जानिए, कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में क्या होने की संभावनाएं हैं.

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1) सोनिया गांधी से अध्यक्ष पद पर बने रहने की मांग
सबसे प्रबल संभावना इस बात की है कि सभी मेंबर एक स्वर और सुर में सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा दिखाकर उनसे अध्यक्ष बने रहने की अपील करेंगे.

2) अगर सोनिया गांधी इनकार करती हैं तो? 
इस परिस्थिति में सभी मेंबर राहुल गांधी से वापस अध्यक्ष का पद संभालने की मांग रख सकते हैं. हालांकि सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी अपने एक साल पहले लिए गए स्टैंड पर कायम हैं और वह किसी भी सूरत में अध्यक्ष पद स्वीकार नहीं करेंगे.

3) 3 से 6 महीने में नए अध्यक्ष का हो सकता है चुनाव

राहुल गांधी के इनकार करने की परिस्थिति में चुनाव की मांग रखी जाएगी. ऐसे में पहले ही पार्टी के पास सभी राज्यों के इलेक्टोरल कॉलेज है, सिर्फ हरियाणा और कुछ इक्का-दुक्का राज्यों के एआईसीसी डेलीगेट चुनने की प्रक्रिया बाकी है, जिसमें लगभग 2 महीने और लग सकते हैं.

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कुल मिलाकर चुनाव की स्थिति में लगभग 9000 से 10000 डेलीगेट अध्यक्ष पद का चयन करते हैं. 2019 में जब सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था तो 6 महीने के भीतर चुनाव कराकर यह प्रक्रिया खत्म होनी थी, मगर कोरोना की महामारी के चलते ऐसा नहीं हो पाया. 

ऐसे में एक निर्धारित टाइमलाइन यानी 3 से 6 महीने के भीतर नए अध्यक्ष को चुनने का फैसला लिया जा सकता है. तब तक सोनिया गांधी से अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर बने रहने की अपील की जाएगी.

4)  वफादार को मिल सकती है अंतरिम अध्यक्ष की कुर्सी

अगर सोनिया गांधी थोड़े समय और के लिए अंतरिम अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं हैं तो? सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी की तबीयत बहुत ठीक नहीं है. दूसरी तरफ जिस तरह से पार्टी के दिग्गज नेताओं ने चिट्ठी लिखी है, उसको लेकर भी 10 जनपथ सचेत है. ऐसे में अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर किसी विश्वसनीय नेता को चुनना पड़ेगा.

पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और डॉक्टर मनमोहन सिंह के नाम भी सामने आ सकते हैं, लेकिन अगर खराब स्वास्थ्य के कारण सोनिया गांधी पद छोड़ रही हैं तो उनके नामों पर मुहर लगने की संभावना काम ही है. ऐसे में पार्टी का कोई वफादार नेता जिसने लंबे समय से संगठन में काम किया, उसका नाम अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सामने रखा जा सकता है.

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मल्लिकार्जुन खड़गे, सुशील कुमार शिंदे जैसे सरीखे नेता भी इस पद के दावेदार हो सकते हैं. अंतरिम अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान ही अध्यक्ष पद के लिए चुनाव किया जाएगा.

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