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लॉकडाउन शब्द से क्यों डर रहे हैं मुख्यमंत्री? कोरोना कर्फ्यू, जनता कर्फ्यू पर दे रहे जोर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देशभर में पिछले 24 घंटे में करीब 1.85 लाख नए कोरोना मरीज सामने आए हैं जबकि एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश की योगी और दिल्ली की केजरीवाल सहित तमाम राज्य सरकारें कोरोना से निपटने के लिए अनेक नई पाबंदिया लगा रही हैं, लेकिन लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल करने से बच रही हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ और उद्धव ठाकरे सीएम योगी आदित्यनाथ और उद्धव ठाकरे
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 14 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST
  • मध्य प्रदेश के कई शहरों में कोरोना कर्फ्यू लागू
  • कोरोना रोकने के लिए दिल्ली में नाइट कर्फ्यू
  • महाराष्ट्र में तमाम पाबंदियां पर लॉकडाउन नहीं

भारत में बेकाबू कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है. कोरोना के हर रोज रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देशभर में पिछले 24 घंटे में करीब 1.85 लाख नए कोरोना मरीज सामने आए हैं जबकि एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. ऐसे में महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश की योगी और दिल्ली की केजरीवाल सहित तमाम राज्य सरकारें कोरोना से निपटने के लिए अनेक नई पाबंदिया लगा रही हैं, लेकिन लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल करने से बच रही हैं. इस बार लॉकडाउन का नाम देने के बजाय राज्य सरकारें कोरोना कर्फ्यू से लेकर जनता कर्फ्यू तक का नाम दे रही हैं. 

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महाराष्ट्र: 'ब्रेक द चेन' के तहत पाबंदियां
देश में कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र है. राज्य में अभी तक 3519208 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 2666097 अभी केस एक्टिव हैं. महाराष्ट्र में हर रोज 60 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं तो मुंबई में मंगलवार को तकरीबन 10 हजार कोरोना केस सामने आए हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार ने कोरोना संकट पर काबू पाने के लिए महाराष्ट्र में तमाम सख्त पाबंदियां लगा दी हैं, जिसके बुधवार रात आठ बजे से लागू कर दिया जाएगा. 

महाराष्ट्र में 'ब्रेक द चेन' नाम मुहिम के तहत पूरे प्रदेश में 15 दिनों तक धारा 144 लागू रहेगी. इस दौरान लोग सिर्फ जरूरी सेवाओं के लिए ही घरों से बाहर निकल सकेंगे और बिना जरूरत कहीं भी आना-जाने पर पाबंदी लगा दी गई. सिनेमा हॉल, ड्रामा थियेटर बंद रहेंगे. एम्यूसमेंट पार्क, वीडियो गेम पॉर्लर, वॉटर पार्क, क्लब, स्वीमिंग पूल, जिम और स्पोर्ट कॉम्पलेक्स बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है. इसके अलावा फिल्मों, एड, सीरियल्स की शूटिंग भी बंद रहेगी. जरूरी सेवाओं में जो मॉल्स और शापिंग कॉम्पलेक्स शामिल नहीं हैं, उन्हें भी बंद रखने को कहा गया है. इस तरह से यह लॉकडाउन ही है, पर इसे उद्धव ठाकरे ने लॉकडाउन का नाम नहीं दिया और न ही कर्फ्यू का नाम दिया. उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए यह बता दिया कि अगले 14 दिनों के लिए क्या खुले रहेंगे और क्या बंद रहेंगे. 

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दिल्ली में केजरीवाल का नाइट कर्फ्यू 
वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोरोना मरीजों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. दिल्ली में अभी तक कुल 750156 कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं, जिनमें से 695210 केस एक्टिव हैं. पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 13868 कोरोना संक्रमित मामले सामने आए हैं. दिल्ली में केजरीवाल सरकर ने नाइट कर्फ्यू लगा रखा है, जो रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रहता है. नाइट कर्फ्यू के अलावा कई पाबंदियां भी लगा रखी हैं. सरकार ने दिल्ली में सभी तरह की सामाजिक, राजनीतिक, खेल, धार्मिक सभाओं पर रोक लगा रखी है. शादी समारोह में सिर्फ 50 लोग जबकि अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं. 

दिल्ली के सभी 12वीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इसके अलावा रेस्टोरेंट, बार और होटल में कुल बैठने की क्षमता 50 फीसदी रहेगी. दिल्ली मेट्रो और बसों में 50 फीसदी यात्रियों के साथ यात्रा की इजाजत है. ऐसे ही सिनेमा हॉल के अंदर सिर्फ 50 प्रतिशत क्षमता के साथ लोगों को बैठने की अनुमति है. हालांकि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है. एक तरह से साफ है कि दिल्ली में तमाम पाबंदियां रहेंगी, लेकिन लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल नहीं होगा. 

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मध्य प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू 
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की हालत लगातार गंभीर हो रही है. राज्य में अभी तक कुल 353632 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं और पिछले 24 घंटे में प्रदेश के चार बड़े शहरों में 4,511 नए मरीज मिले हैं. भोपाल में 1,497 नए केस मंगलवार को आए हैं. ऐसे में शिवराज सरकार ने भोपाल में सोमवार रात 9 बजे से सात दिनों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है, जो 19 अप्रैल तक जारी रहेगा. ऐसे ही इंदौर में पाबंदियां लगा रखी हैं. हालांकि शिवराज सरकार इस बंदी को लॉकडाउन नहीं मान रही बल्कि कोरोना कर्फ्यू का नाम दे रही है. 

ग्वालियर में भी कोरोना कर्फ्यू 15 अप्रैल से लागू करने का आदेश दे दिया गया है. जबलपुर, विदिशा, राजगढ़, बड़वानी और शाजापुर जिलों में कोरोना कर्फ्यू लगा रखा है. कोरोना के कहर को देखते हुए 15 जून 2021 तक क्लास 1 से 8वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. वहीं, 10वीं व 12वीं की बोर्ड की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी जिले के डीएम को आदेश दिया है कि जरूरत पड़ने पर धारा 144 लागू करें और जरूरत पड़ने पर जनता कर्फ्यू लगाने का आदेश दे रखा है. 

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राजस्थान में जनता कर्फ्यू 
राजस्थान में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. राज्य में 375092 कोरोना मामले हैं, जिनमें से 331423 केस एक्टिव हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि लॉकडाउन के समान सख्त और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिशानिर्देश तैयार करें, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर अधिक खतरनाक है. ऐसे में जनता कर्फ्यू के तहत राज्य में सामाजिक-धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है, क्योंकि मृत्यु दर बढ़ रही है. 

यूपी में योगी सरकार का कर्फ्यू 
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हालत दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित तमाम नेता और आधिकारी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. कोरोना महामारी को नियंत्रण करने के लिए योगी सरकार ने धारा 144 लागू कर रखी है और साथ ही तमाम शहरों में नाइट कर्फ्यू भी लगाए गए. इसके अलावा तमाम धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साफ तौर पर कह चुके हैं कि लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है. हमें लोगों की जान और जीविका दोनों को बचाना है. हम कोरोना की रोकथाम के लिए तमाम तरह के कदम उठा रहे हैं. 

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क्यों डर रहे लॉकडाउन शब्द से मुख्यमंत्री?

कोरोना के बढ़ते कहर के बाद भी तमाम राज्य सरकारें और केंद्र की मोदी सरकार इस बार संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का साहस नहीं दिखा पा रही हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि पिछली बार जब मोदी सरकार ने देश भर में लॉकडाउन लगाया था तो विपक्ष ने तमाम सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव तक ने अचानक लॉकडाउन लगाने की अलोचना की थी. यही वजह है कि इस बार कोई भी सरकार लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल नहीं कर रही है, लेकिन पाबंदियां लॉकडाउन जैसे ही लगा रही हैं. 

 

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