
कोरोना संक्रमण के मामले देश में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में कोरोना के इलाज के लिए बेहद अहम ऑक्सीजन और एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की उपलब्धता को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. केंद्र की मोदी सरकार और गैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है और दोनों ओर से जुबानी जंग छिड़ गई है. महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे से लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की मांग उठाई तो बीजेपी नेताओं ने इन पर जवाबी निशाना साधना शुरू कर दिया है.
उद्धव ठाकरे ने लगाए मोदी सरकार पर आरोप
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने राज्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने की कोशिश की थी, लेकिन प्रधानमंत्री बंगाल चुनाव में व्यस्त थे, इसलिए उनसे बात नहीं हो पाई. इससे पहले, उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था कहा था कि अप्रैल के अंत तक राज्य को प्रतिदिन दो हजार टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी. अभी रोजाना 1,200 टन ऑक्सीजन की खपत हो रही है. उन्होंने दक्षिणी राज्यों में स्थित स्टील प्लांट से विमानों के जरिये ऑक्सीजन लाने की अनुमति भी मांगी थी.
केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी कमी हो रही है. साथ ही उन्होंने केंद्र के अस्पतालों में 7 हजार बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व किए जाने की मांग की है. सीएम केजरीवाल ने ऑक्सीजन की तुरंत सप्लाई देने की मांग की है. केजरीवाल ने बताया कि बेड और ऑक्सीजन की तेजी से बढ़ती आवश्यकता के बारे में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि सामान्य से कहीं अधिक खपत के कारण दिल्ली के लिए आवंटित ऑक्सीजन की सप्लाई काफी कम पड़ रही है. ऐसे में केंद्र सरकार ऑक्सीजन का कोटा तुरंत बढ़ाने की मांग की है.
ममता की पीएम से वैक्सीन और ऑक्सीजन की मांग
बंगाल में कोरोना के बढ़ते मामले के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 5.4 करोड़ और वैक्सीन की खुराक तुरंत उपलब्ध कराने की मांग की है. ममता ने रेमडेसिविर और टॉसिलिजूमैब जैसी दवाओं की भी मांग की है., इसके साथ ही पत्र में ममता ने बंगाल में ऑक्सीजन की कमी से भी पीएम को अवगत कराया है. उन्होंने पीएम से निवेदन किया है कि जितना जल्द संभव हो बंगाल को ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. साथ ही ममता ने केंद्र सरकार पर हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि देश में रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की कमी है. आज हमारे देश में दवा नहीं है लेकिन 80 देशों में दवा भेजी गई. मुझे इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन अगर आप दवा बाहर भेजते हैं, लेकिन पहले इसे अपने देश को उपलब्ध कराइए.
उद्धव को पीयूष गोयल का जवाब
वहीं, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी अन्य राज्य की तुलना में महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन का आपूर्ति की गई है. केंद्र सरकार महाराष्ट्र के लोगों की भलाई के लिए बेहतर काम कर रही है. महाराष्ट्र की समस्या ऑक्सीजन की कमी नहीं, बल्कि अयोग्य और भ्रष्ट सरकार जो वहां राज कर रही है. गोयल ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग 'मेरे स्वजन, मेरी जवाबदारी' का ईमानदारी से पालन कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री भी 'मेरा राज्य, मेरी जवाबदारी' की भावना से अपना कर्तव्य निभाएं.
कांग्रेस-एनसीपी ने केंद्र पर लगाया आरोप
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत आरोप लगाया कि मोदी सरकार राज्य को ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य उपकरण नहीं दे रही है. रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाली कंपनियों को राज्य को दवा नहीं देने के लिए कहा जा रहा है. सप्लाई करने पर उनके लाइसेंस रद्द करने की धमकी दी जा रही है. साथ ही एनसीपी नेता व उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि केंद्र के द्वारा ऑक्सीजन, रेमडेसिविर पर दबाव डाला जा रहा है कि महाराष्ट्र को दवाई न मिले.
मोदी सरकार के मंत्री आए आगे
वहीं, केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मांडविया ने नवाब मलिक के इस आरोप का जोरदार तरीके से खंडन किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'नवाब मलिक का ट्वीट चौंकाने वाला है. यह आधी-अधूरी सच्चाई और झूठ से भरा है. वह जमीनी हकीकत से अनजान हैं. भारत सरकार महाराष्ट्र सरकार के लगातार संपर्क में है और हर तरीके से रेमडेसिविर की आपूर्ति में मदद कर रही है. साथ ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने चार दिन पहले ब्रुक फार्मा से रेमडेसिविर की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था, लेकिन तब तक अनुमति नहीं मिल पाने की वजह से वे ऐसा नहीं कर सके.